फ्लाईओवर घोटाला :केरल उच्च न्यायालय ने पूर्व मंत्री की जमानत याचिका खारिज की
By भाषा | Updated: December 14, 2020 20:35 IST2020-12-14T20:35:56+5:302020-12-14T20:35:56+5:30

फ्लाईओवर घोटाला :केरल उच्च न्यायालय ने पूर्व मंत्री की जमानत याचिका खारिज की
कोच्चि, 14 दिसंबर केरल उच्च न्यायालय ने फ्लाईओवर घोटाले के सिलसिले में सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (वीएसीबी) द्वारा गिरफ्तार राज्य के पूर्व मंत्री वीके इब्राहिम कुंजू की जमानत याचिका सोमवार को खारिज करते हुए कहा कि मामला गंभीर है। साथ ही वीएसीबी को सच्चाई का पता लगाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि फ्लाईओवर निर्माण के स्थान को पहले भेड़ियों के स्थान के रूप में जाना जाता था पर अब लोगों को संदेह है कि वह जानवर नहीं है बल्कि भ्रष्ट लोग हैं जो इलाके में घूमते हैं। उन्होंने कहा कि भेड़िया भ्रष्ट लोगों से बेहतर हैं।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने आईयूएमएल विधायक कुंजू को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद नए सिरे से जमानत याचिका दायर करने की अनुमति दे दी। कुंजू इस समय न्यायिक हिरासत में हैं और उनका अस्पताल में कैंसर का इलाज चल रहा है।
कुंजू को पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) की सरकार में फ्लाईओवर निर्माण में हुए कथित घोटाले के सिलसिले में 18 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने हाल में मुवात्तापुझा की सतर्कता अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था।
न्यायमूर्ति ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता और सतर्कता विभाग के पक्ष पर विचार करने के बाद मेरा विचार है कि इस समय याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने का सही मामला नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जांच चल रही है। राज्य के पूर्व मंत्री के खिलाफ आरोप गंभीर है। इसलिए मेरे विचार से इस समय पात्रता के आधार पर याचिकाकर्ता जमानत के लायक नहीं है।’’
उन्होंने रेखांकित किया कि पलावत्तम फ्लाईओपर निर्माण में कथित भ्रष्टाचार की वजह से अलोकप्रिय है। हालांकि इसकी वजह से यातायात की समस्या का कुछ समाधान हुआ है।
सतर्कता विभाग का आरोप है कि कुंजू ने लोकनिर्माण मंत्री रहते हुए फ्लाईओवर बनाने की निविदा पाने वाली कंपनी के लिए ब्याज मुक्त धन की मंजूरी दी।
गौरतलब कि 2016 में फ्लाईओवर का उद्घाटन किया गया था और एक साल के भीतर ही उसमें दरार पड़ने के बाद फ्लाईओवर को बंद कर दिया गया।
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