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कश्मीर में मंत्रियों के दौरे से पहले पांच और नेता रिहा, लेकिन तीन पूर्व मुख्मंत्रियों फारूक, उमर, महबूबा अब भी नजरबंद

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: January 16, 2020 17:12 IST

जम्मू-कश्मीरः पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, पूर्व नौकरशाह शाह फैसल, पीडीपी नेता नईम अख्तर, वहीद-उर-रहमान पारा और नेकां महासचिव अली मुहम्मद सागर को फिलहाल रिहा करने की कोई योजना नहीं है।

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ठळक मुद्देकश्मीर में सब ठीक ठाक है को दिखाने की खातिर, अगले सप्ताह होने वाले 40 के करीब केंद्रीय मंत्रियों के दौरे से पहले राज्य प्रशासन ने पांच और नेताओं को रिहा कर दिया है। इससे पहले 30 दिसंबर को पांच राजनीतिक नेताओं को रिहा किया गया था।

कश्मीर में सब ठीक ठाक है को दिखाने की खातिर, अगले सप्ताह होने वाले 40 के करीब केंद्रीय मंत्रियों के दौरे से पहले राज्य प्रशासन ने पांच और नेताओं को रिहा कर दिया है। पर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को फिलहाल रिहा करने से इंकार करते हुए प्रशासन ने कहा है कि वे अभी भी हालात का रूख मोड़ने की कुव्वत रखते हैं और ऐसा खतरा मोल नहीं लिया जा सकता है।

इसी क्रम में गुरुवार को पांच नेताओं को रिहा कर दिया गया है। इससे पहले 30 दिसंबर को पांच राजनीतिक नेताओं को रिहा किया गया था। ये पांचों नेता नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के थे, जिन्हें एहतियातन हिरासत में रखा गया था। इनमें नेकां के सलमान सागर, पीडीपी के अल्ताफ कलू, मुख्तार भट तथा निजामुद्दीन भट और एक शौकत गनई हैं। फिलहाल, पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती अभी भी नजरबंद हैं, जिन्हें रिहा करने से प्रशासन डर रहा है।

30 दिसंबर को रिहा किए गए नेताओं में नेकां के इशफाक जब्बर व गुलाम नबी भट तथा पीडीपी के बशीर मीर, जहूर मीर और यासिर रेशी शामिल थे। रेशी पीडीपी के बागी नेता माने जाते हैं, जिन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बगावत कर दी थी। नए केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने 25 नवंबर को दो नेताओ पीडीपी के दिलावर मीर और डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट के गुलाम हसन मीर को रिहा किया था।

सूत्रों के बकौल पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, पूर्व नौकरशाह शाह फैसल, पीडीपी नेता नईम अख्तर, वहीद-उर-रहमान पारा और नेकां महासचिव अली मुहम्मद सागर को फिलहाल रिहा करने की कोई योजना नहीं है। इन नेताओं से कई बार प्रशासन ने रिहाई के लिए बांड भरने को कह चुका है, लेकिन इन्होंने सशर्त रिहाई से इन्कार किया है। ऐसे में इन्हें श्रीनगर के किसी सरकारी गेस्ट हाऊस में स्थानांतरित किया जाएगा। इनके अलावा तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों डा फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की मार्च से पहले रिहाई की संभावना कम ही दिखाई दे रही है।

दरअसल यह रिहाईयां कश्मीर आ रहे मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल की खातिर है जिन्हें यह दिखाया जाना है कि सब चंगा है। इस प्रतिनिधि मंडल में रेल मंत्री पीयूष गोयल, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी सहित कई मंत्री शामिल हैं। यह टीम पांच अगस्त के बाद यहां शुरू हुई विकास की गतिविधियों के बारे में जानकारी लेंगे और लोगों को बताएंगे।

केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में आगामी दिनों केंद्रीय मंत्री जिला स्तर पर जन पहुंच कार्यक्रम में पहुंचेंगे। 18 से 20 जनवरी तक होने वाले कार्यक्रम में केंद्रीय और राज्य मंत्री शामिल रहेंगे। 18 जनवरी को अर्जुन राम मेघवाल पुरमंडल, डा जितेंद्र सिंह जम्मू, अश्विनी चौबे सांबा में कार्यक्रम करेंगे।

19 को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी रियासी में कार्यक्रम करेंगी। महेंद्र नाथ पांडे जम्मू, अर्जुन राम मेघवाल कठुआ में रहेंगे। वी मुरलीधरण भी कठुआ और अनुराग सिंह ठाकुर जम्मू में रहेंगे। डा जितेंद्र सिंह उधमपुर, पीयूष गोयल जम्मू और अश्विनी चौबे सांबा में रहेंगे। प्रताप सारंगी कठुआ, आर के सिंह डोडा, देवाश्री चौधरी जम्मू में रहेंगे।

कुल मिलाकर कार्यक्रम में करीब चालीस मंत्री हिस्सा लेंगे। भाजपा के प्रदेश महासचिव संगठन अशोक कौल ने कहा हैं कि कार्यक्रम का आयोजन सरकारी स्तर पर होगी। ऐसे में भाजपा के नेता व कार्यकर्ता मंत्रियों के कार्यक्रम में पहुंचेंगे और इन्हें सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाएंगे।

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