उत्तराखंड में बारिश से पांच मरे, चारधाम यात्रा पडी ठप

By भाषा | Updated: October 18, 2021 21:18 IST2021-10-18T21:18:09+5:302021-10-18T21:18:09+5:30

Five dead due to rain in Uttarakhand, Chardham Yatra came to a standstill | उत्तराखंड में बारिश से पांच मरे, चारधाम यात्रा पडी ठप

उत्तराखंड में बारिश से पांच मरे, चारधाम यात्रा पडी ठप

देहरादून, 18 अक्टूबर उत्तराखंड में सोमवार को भूस्खलन में पांच व्यक्तियों की मौत हो गयी जबकि भारी बारिश और बर्फवारी लगातार दूसरे दिन भी जारी रही जिससे नदी नाले उफान पर आ गए और चारधाम यात्रा ठप्प पड गई ।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली सूचना के अनुसार, पौड़ी जिले के लैंसडौन क्षेत्र के समखाल में भारी बारिश के चलते भूस्खलन का मलबा एक होटल के निर्माण में लगे मजदूरों के तंबू पर आ गिरा जिसमें तीन मजदूरों की मौत हो गयी और दो अन्य घायल हो गए ।

एक अन्य घटना में चंपावत जिले के सेलखोला में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया जिससे उसमें रहने वाले दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी ।

इस बीच, भारी बारिश के कारण नाले में उफान आने के कारण चंपावत जिले के बाटनागाड— टनकपुर में फंसे मां पूर्णागिरी मंदिर के दर्शन को गए 200 श्रद्धालुओं को पुलिस ने सुरक्षित बचा लिया ।

उत्तराखंड में रविवार से 19 अक्टूबर तक भारी बारिश के अलर्ट के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर राज्य में भारी बारिश से बचाव के लिये की जा रही तैयारियों के विषय में जानकारी ली । इस दौरान शाह ने मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार द्वारा राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया ।

बडी संख्या में तीर्थयात्रियों के चारधाम क्षेत्रों में होने के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ठहराए जाने के निर्देश दिए जिसके बाद श्रद्धालुओं को यात्रा पड़ावों में ही रोक लिया गया ।

दशहरा के बाद सप्ताहांत की छुटि्टयों के कारण इस समय प्रदेश में हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आए हुए हैं ।

प्रदेश में मंगलवार तक भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए मुख्यमंत्री स्वयं राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया । उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रियों और पर्यटकों के रहने और भोजन आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए और इसमें कोई लापरवाही न हो । उन्होंने जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से स्वयं निगरानी करने को कहा ।

उन्होंने यात्रियों से भी सावधानी बरतने की अपील की और इस अवधि में यात्रा टालने का अनुरोध किया । हांलांकि, उन्होंने कहा कि किसी तरह की घबराहट की स्थिति नहीं है ।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर एहतियात के तौर पर प्रदेश में कक्षा एक से बारह तक के सभी स्कूल भी बंद रहे ।

धामी ने कहा कि राज्य, जिलों और तहसील स्तरों पर नियंत्रण कक्ष 24 घंटे संचालित हों तथा मंगलवार तक जिलों से हर घंटे रिपोर्ट भेजी जाए। उन्होंने कहा कि किसी घटना की सूचना मिलने पर प्रतिक्रिया समय कम से कम होना चाहिए।

रविवार को केदारनाथ का दौरा करने वाले प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सभी जिलों में राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीमें अलर्ट पर हैं ।

उन्होंने कहा कि सभी टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी आपात स्थिति के लिए पूर्णतया अलर्ट पर रहें और बचाव उपकरणों को भी कार्यशील दशा में रखें ।

धर, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और दारमा घाटी सहित प्रदेश के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बर्फवारी होने की सूचना है । लगातार बारिश और पहाडियों पर बर्फवारी होने से प्रदेश में अक्टूबर में ही मौसम के मिजाज में ठंडक आ गयी है।

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