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70 साल के इतिहास में पहली बार किसी PM ने किया रामलला के दर्शन, ये हैं वो प्रधानमंत्री जो अयोध्या जाकर भी नहीं कर सके दर्शन

By स्वाति सिंह | Updated: August 5, 2020 17:28 IST

देश की आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर इंदिरा गांधी ने 1966 में अयोध्या का दौरा किया था। अयोध्या में नया घाट पर बने सरयू पुल का लोकार्पण करने इंदिरा गांधी अयोध्या पहुंची थीं। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद वो वापस लौट आईं थीं।

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में भूमि पूजन कर 'श्री राम जन्मभूमि मंदिर' का शिलान्यास किया इससे पहले कई प्रधानमंत्री अयोध्या गए जरूर पर रामजन्मभूमि से दूरी रखी थी।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में भूमि पूजन कर 'श्री राम जन्मभूमि मंदिर' का शिलान्यास किया और कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय एकता व भावना का प्रतीक है तथा इससे समूचे अयोध्या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। माना जा रहा है कि सत्तर साल के इतिहास में नरेंद्र मोदी देश के पहले पीएम हैं, जिन्होंने अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन किए हैं। इससे पहले कई प्रधानमंत्री अयोध्या गए जरूर पर रामजन्मभूमि से दूरी रखी थी।

राम मंदिर को भारतीय संस्कृति की ‘‘समृद्ध विरासत’’ का द्योतक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों का इंतजार आज खत्म हो रहा है। यह न सिर्फ आने वाली पीढ़ियों को आस्था और संकल्प की, बल्कि अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा।

इंदिरा गांधी

देश की आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर इंदिरा गांधी ने 1966 में अयोध्या का दौरा किया था। अयोध्या में नया घाट पर बने सरयू पुल का लोकार्पण करने इंदिरा गांधी अयोध्या पहुंची थीं। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद वो वापस लौट आईं थीं। इसके बाद दूसरी बार 1979 में इंदिरा गांधी का अयोध्या दौरा हुआ था, तब उन्होंने हनुमानगढ़ी जाकर बजरंगबली का दर्शन, पूजा अर्चना की थी। इसके बाद तीसरी बार इंदिरा गांधी 1975 में अयोध्या में आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने गई थीं। उन्होंने विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में हिस्सा लिया और वापस दिल्ली लौट आई थी। इन तीनों दौरे में इंदिरा गांधी ने रामलला के जन्मभूमि से दूरी बनाए रखी थी।

राजीव गांधी

राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए दो बार के रूप में और पूर्व प्रधानमंत्री एक बार अयोध्या का दौरा किया। राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते 1986 में बाबरी मस्जिद का ताला खुला और 1989 में राम मंदिर का शिलान्यास किया गया। 1984 में राजीव गांधी ने अयोध्या में चुनावी जनसभा को संबोधित किया था। इसके बाद 1989 के लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी ने अयोध्या से अपने चुनावी अभियान का आगाज किया था।

माना जाता है कि अयोध्या से चुनाव प्रचार शुरू करने और रामराज्य की घोषणा के पीछे राजीव गांधी की मंशा राजनीतिक लाभ लेने की थी। इसके बाद विपक्ष में रहते हुए राजीव गांधी 1990 में सद्भावना यात्रा के दौरान अयोध्या आए, लेकिन रामलला का दर्शन-पूजन नहीं किया था। हालांकि साल 2016 में राहुल गांधी और 2019 प्रियंका वाड्रा ने यहां आने पर हनुमानगढ़ी जाकर बजरंगबली का दर्शन पूजन किया था।

अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी भी जीते जी रामलला और बजरंगबली का दर्शन-पूजन अयोध्या में नहीं कर सके। साल 2003 में मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे रामचंद्रदास परमहंस के निधन पर वह अयोध्या आए थे। सरयू के तट पर उन्होंने परमहंस को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि राममंदिर का सपना अवश्य पूरा होगा।

2003 में वो अयोध्या से गोरखपुर और पूर्वांचल को जोड़ने के लिए सरयू पर बने रेलवे पुल और रेल लाइन का उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सरयू पर दूसरे पुल और स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से अयोध्या को जोड़ने का काम भी अटल विहारी वाजपेयी ने किया। 2004 में उन्होंने फैजाबाद हवाई अड्डे पर बतौर प्रधानमंत्री एक बार चुनावी सभा को भी संबोधित किया। इन सभी दौरे के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने रामजन्मभूमि स्थल से दूर बनाए रखी थी। 

टॅग्स :नरेंद्र मोदीअयोध्याराम जन्मभूमिराम मंदिर
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