आर्थिक गतिविधियों में छूट के पहले दिन देश में बिजली की मांग 3.15 प्रतिशत घटकर 123000 मेगावाट पर रही

By भाषा | Updated: April 20, 2020 21:10 IST2020-04-20T21:10:03+5:302020-04-20T21:10:03+5:30

उद्योग मंडल सीआईआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिजली की कम मांग से वितरण कंपनियों को 30,000 करोड़ रुपये की आय का नुकसान हो सकता है और 50,000 करोड़ रुपये की नकदी की कमी से जूझना पड़ सकता है। 

first day of relaxation in economic activity, the demand of electricity in the country decreased by 3.15 percent to 123000 MW | आर्थिक गतिविधियों में छूट के पहले दिन देश में बिजली की मांग 3.15 प्रतिशत घटकर 123000 मेगावाट पर रही

आर्थिक गतिविधियों में छूट के पहले दिन देश में बिजली की मांग 3.15 प्रतिशत घटकर 123000 मेगावाट पर रही

Highlightsपिछले साल अप्रैल में बिजली की अधिकतम मांग 1,76,810 मेगावाट थी।उद्योग संगठनों ने वितरण कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति के बीच मांग में कमी को लेकर चिंता जतायी है।

नयी दिल्ली: आर्थिक गतिविधियों में छूट के पहले दिन देश में बिजली की मांग सोमवार की सुबह 3.15 प्रतिशत घटकर 1,23,000 मेगावाट रही। ऐसी संभावना थी कि ‘लॉकडाउन’ (बंद) के दूसरे चरण में आर्थिक गतिविधियों में आंशिक छूट की वजह से बिजली की मांग बढ़ेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इसका कारण संभवत: तापमान में हल्की गिरावट है। इसके कारण बिजली की मांग में कमी आयी इसके चलते आर्थिक गतिविधियों में आंशिक छूट की वजह से मांग में वृद्धि का असर दिखा नहीं। कुछ राज्यों ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये जारी बंद के दूसरे चरण में औद्योगिक गतिविधियों में कुछ छूट दी है। बंद का दूसरा चरण तीन मई तक रहेगा।

एक सूत्र ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘सोमवार की सुबह 9.30 बजे बिजली की अधिकतम मांग 1,23,000 मेगावाट रही जो पिछले सप्ताह इसी समय 1,27,000 मेगावाट थी।’’ उसने कहा कि तापमान में गिरावट के कारण बिजली की मांग में जो वृद्धि की अपेक्षा थी, वह नहीं रही। हालांकि आने वाले दिनों में यह स्थिति रहने की संभावना नहीं है।

पिछले साल अप्रैल में बिजली की अधिकतम मांग 1,76,810 मेगावाट थी। उद्योग संगठनों ने वितरण कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति के बीच मांग में कमी को लेकर चिंता जतायी है। फरवरी 2020 की स्थिति के अनुसार वितरण कंपनियों के ऊपर बिजली उत्पादक कंपनियों का 92,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है।

उद्योग मंडल सीआईआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिजली की कम मांग से वितरण कंपनियों को 30,000 करोड़ रुपये की आय का नुकसान हो सकता है और 50,000 करोड़ रुपये की नकदी की कमी से जूझना पड़ सकता है। 

Web Title: first day of relaxation in economic activity, the demand of electricity in the country decreased by 3.15 percent to 123000 MW

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