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यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार बनाएगी पहला डाटा सेंटर पार्क, निवेश के साथ बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

By भाषा | Updated: October 25, 2020 10:56 IST

एक सरकारी प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि अत्‍याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस यह अपनी तरह का पहला डाटा सेंटर पार्क होगा। राज्‍य के विकास और रोजगार देने वाली इस परियोजना के लिये मुख्‍यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देकर जमीन की व्‍यवस्‍था कर दी है।

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ठळक मुद्देउत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने करीब 600 करोड़ रुपये के निवेश से राज्य में पहला डाटा सेंटर पार्क बनाने की परियोजना को मंजूरी दी है।मुंबई का हीरानंदानी समूह ग्रेटर नोएडा में करीब 20 एकड़ भूमि पर इसे बनाएगा।

लखनऊः उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने करीब 600 करोड़ रुपये के निवेश से राज्य में पहला डाटा सेंटर पार्क बनाने की परियोजना को मंजूरी दी है। मुंबई का हीरानंदानी समूह ग्रेटर नोएडा में करीब 20 एकड़ भूमि पर इसे बनाएगा। यह परियोजना जहां युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर लेकर आएगी, वहीं अन्य जगहों पर काम कर रही आईटी कंपनियों को अपना कारोबार करने में खासी मदद मिलेगी।

एक सरकारी प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि अत्‍याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस यह अपनी तरह का पहला डाटा सेंटर पार्क होगा। राज्‍य के विकास और रोजगार देने वाली इस परियोजना के लिये मुख्‍यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देकर जमीन की व्‍यवस्‍था कर दी है। मुंबई के रियल एस्टेट डेवलपर हीरानंदानी समूह ने मुंबई, चेन्नई व हैदराबाद में इस तरह के डाटा सेंटर बनाने के बाद अब उत्तर प्रदेश का रुख किया है।

उन्होंने बताया कि डाटा सेंटर को लेकर अन्‍य कई कंपनियों ने भी रुचि दिखाई है। डाटा सेंटर बनने के बाद दूसरे राज्‍यों में संचालित हो रही कंपनियों को भी प्रदेश से जोड़ा जा सकेगा। डाटा सेंटर के क्षेत्र में निवेश के लिए रैक बैंक, अडानी समूह व अन्य कंपनियों ने 10,000 करोड़ रुपये के भारी भरकम निवेश का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया है। डाटा सेंटर में बिजली की खपत ज्यादा होती है, इसलिए ओपेन एक्सेस से डाटा सेंटर पार्क को बिजली दी जाएगी।

प्रवक्ता ने बताया, ‘‘अभी पर्याप्‍त डाटा सेंटर न होने के कारण उत्‍तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्‍सों के डाटा विदेशों में रखे जाते हैं। इसके बनने के बाद हम अपने देश में ही अपना डाटा सुरक्षित रख सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कुछ समय से देश भर में इस तरह के डाटा सेंटर बनाने की योजना पर काम हो रहा है।’’ उन्होंने बताया कि राज्य सरकार डाटा सेंटर के क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं को देखते हुए इसके लिए अलग नीति भी बना रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि डाटा सेंटर, नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है। बड़ी मात्रा में डाटा भंडारण, प्रोसेसिंग व वितरण के लिए कंपनियों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है। उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि के करोड़ों उपभोक्ता हैं और इन उपयोगकर्ताओं से जुड़ा डाटा सुरक्षित रखना महंगा व मुश्किल काम रहता है। इसके अलावा बैंकिंग, रिटेल व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा, पर्यटन और आधार कार्ड आदि का डाटा भी खासा अहम है। 

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