दिवाली पर प्रतिबंध को दरकिनार कर दिल्ली में जलाये गए पटाखे, वायु गुणवत्ता ''गंभीर'' श्रेणी में

By भाषा | Updated: November 4, 2021 23:09 IST2021-11-04T23:09:04+5:302021-11-04T23:09:04+5:30

Firecrackers lit in Delhi bypassing Diwali ban, air quality in 'severe' category | दिवाली पर प्रतिबंध को दरकिनार कर दिल्ली में जलाये गए पटाखे, वायु गुणवत्ता ''गंभीर'' श्रेणी में

दिवाली पर प्रतिबंध को दरकिनार कर दिल्ली में जलाये गए पटाखे, वायु गुणवत्ता ''गंभीर'' श्रेणी में

नयी दिल्ली, चार नवंबर पराली जलाये जाने से धुएं में तीव्र वृद्धि होने के बीच दिवाली पर आतिशबाजी पर सरकार द्वारा लगाये गये प्रतिबंध की अवहेलना की गई और बृहस्पतिवार को दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों का आसमान धुएं के गुबार से ढंक गया,जिसके चलते शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक ''गंभीर'' श्रेणी में पहुंच गया।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) जो शाम चार बजे 382 था, वह रात आठ बजे तक बढ़कर ''गंभीर'' श्रेणी में पहुंच गया क्योंकि कम तापमान और हवा की गति मंद रहने के कारण प्रदूषक तत्वों का बिखराव नहीं हो सका।

धड़ल्ले से पटाखे जलाने के चलते रात नौ बजे के बाद दिल्ली के पड़ोसी शहरों फरीदाबाद में एक्यूआई 424, गाजियाबाद में 442, गुरुग्राम में 423 और नोएडा में 431 दर्ज किया गया, जोकि ''गंभीर'' श्रेणी में आता है।

दिल्ली और इसके आसपास के कई क्षेत्रों के लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें कीं।

राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में शाम सात बजे से पटाखे जलाए जाने के मामले सामने आए। वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद में उच्च-तीव्रता के पटाखे जलाये गए। हरियाणा सरकार ने भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों समेत 14 जिलों में पटाखे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था।

विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान जताया कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों, पराली जलाने, पटाखे जलाये जाने और अन्य स्थानीय कारकों के चलते मध्यरात्रि तक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ''गंभीर'' की श्रेणी के करीब पहुंच सकता है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे के चलते सुबह के समय इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर 600-800 मीटर के दायरे में कम दृश्यता रही।

आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जेनामणि ने कहा कि हवा शांत रहने के कारण दिनभर 800-900 मीटर के दायरे में दृश्यता प्रभावित रही।

दिल्ली के प्रदूषण स्तर में बृहस्पतिवार को पराली जलाने का योगदान बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया जो इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक स्तर है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत पटाखे जलाए जाने पर दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण का स्तर मध्यरात्रि तक ''गंभीर'' की श्रेणी में पहुंच सकता है।

उन्होंने कहा कि शुक्रवार सुबह तक पीएम 2.5 प्रदूषण के स्तर में तेज वृद्धि दर्ज की जा सकती है और एक्यूआई 500 के स्तर को पार कर सकता है।

उल्लेखनीय है कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ''अच्छा'', 51 और 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 और 200 के बीच ''मध्यम'', 201 और 300 के बीच ''खराब'', 301 और 400 के बीच ''बहुत खराब'', तथा 401 और 500 के बीच को ''गंभीर'' माना जाता है।

‘सफर’ के पूर्वानुमान के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण स्तर में पराली जलाने का योगदान बढ़कर 35 प्रतिशत और शनिवार को 40 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।

उत्तर-पश्चिम हवाएं पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण उठने वाले धुएं को दिल्ली की तरफ ला सकती हैं।

सफर के मुताबिक, सात नवंबर की शाम तक ही कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, एक्यूआई ''बेहद खराब'' की श्रेणी में रहने की आशंका है।

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Web Title: Firecrackers lit in Delhi bypassing Diwali ban, air quality in 'severe' category

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