लाइव न्यूज़ :

तबलीगी जमात से जुड़े कोविड-19 के मामलों पर RSS नेता मनमोहन वैद्य ने कहा- आंकड़े करते हैं सच्चाई बयां

By भाषा | Updated: April 6, 2020 19:22 IST

आरएसएस के नेता ने कहा कि उनके संगठन के कार्यकर्ताओं ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराने और हेल्पलाइन जारी करने सहित 25.5 लाख लोगों की मदद की है।

Open in App

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह-सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम से जुड़े कोविड-19 के मामलों की संख्या का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि ‘‘आंकड़े सच बोलते हैं।’’ उन्होंने हालांकि कहा कि मुसलमान तबलीगी जमात के संपर्कों का पता लगाने में सरकार की मदद कर रहे हैं जिसकी सराहना की जानी चाहिए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि भारत में 4.1 दिन में कोरोना वायरस के मामलों की दुगुनी दर देखने को मिली, लेकिन यदि तबलीगी जमात का कार्यक्रम नहीं हुआ होता तो दुगुनी दर होने में 7.4 दिन लगते। कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देश के नेतृत्व द्वारा किए गए निर्णय की सराहना करते हुए वैद्य ने संवाददाताओं से कहा कि भारत ने कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए कई विकसित देशों की तुलना में बेहतर काम किया। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के प्रकोप से निपटने के लिए भारत के नेतृत्व ने कुछ निर्णायक कदम उठाए जिन्हें जनता का भी समर्थन मिला।’’

आरएसएस के नेता ने कहा कि उनके संगठन के कार्यकर्ताओं ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराने और हेल्पलाइन जारी करने सहित 25.5 लाख लोगों की मदद की है। उन्होंने कहा कि तबलीगी जमात स्थिति से बेहतर ढंग से निपट सकती थी।

वैद्य ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आंकड़े सच बोलते हैं...उनका (तबलीगी जमात) भंडाफोड़ हो गया है और मुस्लिम समुदाय में अनेक लोग उसका विरोध कर रहे हैं...और अनेक मुस्लिम उनके (तबीलीगी जमात) संपर्कों का पता लगाने में सरकार की मदद भी कर रहे हैं जिसकी सराहना की जानी चाहिए।’’

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर आरएसएस की सर्वोच्च निर्णय इकाई की वार्षिक बैठक ‘प्रतिनिधि सभा’ को रद्द करने के संगठन के फैसले का संदर्भ देते हुए वैद्य ने कहा कि तबलीगी जमात भी अपने आयोजन को रद्द कर सकती थी। उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस ने बेंगलुरु में होने वाली प्रतिनिधि सभा रद्द कर दी जो 15 मार्च से होने वाली थी। संघ के लगभग 1,500 सदस्यों को ट्रेनों से उतरने या विमान के टिकट रद्द करने के लिये कहा गया। जो लोग आयोजन स्थल पर पहुंचे चुके थे, उन्हें तत्काल वापस भेज दिया गया।’’

वैद्य ने यह घोषणा भी की कि संघ शिक्षा वर्ग (कार्यकर्ताओं का वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम) सहित आरएसएस के जून तक निर्धारित सभी कार्यक्रम महामारी के चलते रद्द कर दिए गए हैं। देश में 21 दिन के लॉकडाउन के आर्थिक प्रभाव पर वैद्य ने कहा कि पहली प्राथमिकता बीमारी से निपटने तथा लोगों का जीवन बचाने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन के असर को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।

टॅग्स :आरएसएसकोरोना वायरससीओवीआईडी-19 इंडियाकोरोना वायरस लॉकडाउन
Open in App

संबंधित खबरें

भारतकई लोगों ने सपना देखा था, अपनी जान दी?, मोहन भागवत ने कहा-राम मंदिर बलिदान देने वाले लोगों की आत्मा को शिखर पर ध्वजारोहण के बाद मिली शांति, वीडियो

भारत'बिना हिंदुओं के दुनिया नहीं रहेगी...', RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर में किया बड़ा दावा

भारतदो साल पहले भड़की जातीय हिंसा के बाद 20 नवंबर को पहली बार मणिपुर जा रहे संघ प्रमुख मोहन भागवत, 3 दिन रहेंगे, नागरिकों, उद्यमियों और आदिवासी समुदाय से बातचीत करेंगे

क्राइम अलर्टPunjab: कौन थे नवीन अरोड़ा? फिरोजपुर में बाइक सवारों ने मारी गोली; RSS नेता के बेटे की मौत

भारतअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषदः एबीवीपी के नए अध्यक्ष रघुराज किशोर तिवारी, वीरेंद्र सिंह सोलंकी होंगे महासचिव

भारत अधिक खबरें

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?