नयी दिल्ली, 25 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक को यह बताने को कहा है कि किसी गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को गिरफ्तारी के आधार के बारे में किस प्रकार से जानकारी दी जाती है। साथ ही उच्च न्यायालय ने एजेंसी द्वारा की गई एक मामले की जांच की ‘प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट’ की स्थिति के संबंध में भी जानकारी देने को कहा है।
उच्च न्यायालय का यह आदेश ईडी की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आया जिसमें कथित तौर पर उर्वरक घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में गिरफ्तार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सदस्य अमरेन्द्र धारी सिंह को प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) की एक प्रति सौंपने के निचली अदालत के ईडी को दिए गए निर्देश को चुनौती दी गई थी।
न्यायाधीश मुक्ता गुप्ता ने नोटिस जारी करके सिंह को ईडी की याचिका पर जवाब देने को कहा जिसमें निचली अदालत के 15 जुलाई के आदेश को खारिज करने की मांग की गई थी।
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने अपनी दलील में कहा कि निचली अदालत के विशेष न्यायाधीश को दंड प्रक्रिया संहिता के तहत ईसीआईआर की प्रति देने के निर्देश एजेंसी को देने की कोई खास शक्तियां नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सिंह को ईसीआईआर की प्रति की मांग करने का कोई अधिकार नहीं है और इसका कारण यह है कि ईडी मामला दर्ज करने के लिए बाध्य है और उन्हें समन जारी होने तक वह कार्रवाई में हस्तक्षेप नहीं कर सकते या किसी कागजात की मांग नहीं कर सकते।
गौरतलब है कि संसद के सदस्य एवं व्यवसायी 62 वर्षीय सिंह को ईडी ने दो जून को धनशोधन निषेध अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।
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