फास्टैग: 65 टोल नाकों पर नियमों में 30 दिन की ढील, जानिए क्या है कारण
By भाषा | Updated: January 15, 2020 18:46 IST2020-01-15T18:46:43+5:302020-01-15T18:46:43+5:30
इन 65 टोल नाकों पर 25 प्रतिशत फास्टैग फीस वाले रास्तों को 30 दिन के लिए मिले-जुले भुगतान वाली लाइन में बदलने की छूट दी है। हाइब्रिड या मिली-जुली लेन में फास्टैग भुगतान और नकद भुगतान करने वाले, दोनों प्रकार के वाहन जा सकते हैं।

टोल प्लाजा की कम से कम 75 प्रतिशत लेन पर नकद भुगतान पर रोक लगा दी गई है।
सरकार 65 चिह्नित नामों पर फास्टैग के नियमों में कुछ समय की ढील दी है क्यों कि वहां अभी वहां पथ-कर का ज्यादा भुगतान लोग नकद करते हैं।
इन 65 टोल नाकों पर 25 प्रतिशत फास्टैग फीस वाले रास्तों को 30 दिन के लिए मिले-जुले भुगतान वाली लाइन में बदलने की छूट दी है। हाइब्रिड या मिली-जुली लेन में फास्टैग भुगतान और नकद भुगतान करने वाले, दोनों प्रकार के वाहन जा सकते हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को बयान में कहा कि यह अस्थायी व्यवस्था 30 दिन के लिए है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के आग्रह पर यह कदम उठाया गया है, जिससे नागरिकों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो।
सरकार ने 15 दिसंबर से एनएचएआई के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग आधारित इलेक्ट्रॉनिक पथकर संग्रह प्रणाली लागू की है। इसके तहत टोल प्लाजा की कम से कम 75 प्रतिशत लेन पर नकद भुगतान पर रोक लगा दी गई है। टोल प्लाजा पर अधिकतम 25 प्रतिशत लेन पर ही नकद भुगतान की व्यवस्था होगी। ये 65 टोल प्लाज उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और आंध्र प्रदेश में स्थित हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एनएचएआई के चेयरमैन एस एस संधू को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘इन 65 टोल प्लाजा पर यातायात की स्थिति के अनुसार 25 प्रतिशत तक ‘फास्टैग लेन आफ फी प्लाजा’ को अस्थायी रूप से हाइब्रिड लेन में बदला जा सकता है।
इस पर मामला दर मामला आधार पर निर्णय किया जाएगा।’’ पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह एक अस्थायी व्यवस्था है जो 30 दिन के लिए है। इसके पीछे मकसद यातायात का सुगम प्रवाह सुनिश्चित करना है जिससे लोगों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो।