तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ होगी मुजफ्फरनगर में किसानों की महारैली, लखनऊ का घेराव घेरेंगे

By भाषा | Updated: July 26, 2021 19:09 IST2021-07-26T19:09:36+5:302021-07-26T19:09:36+5:30

Farmers' rally in Muzaffarnagar will be against three new agricultural laws, will besiege Lucknow | तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ होगी मुजफ्फरनगर में किसानों की महारैली, लखनऊ का घेराव घेरेंगे

तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ होगी मुजफ्फरनगर में किसानों की महारैली, लखनऊ का घेराव घेरेंगे

लखनऊ, 26 जुलाई केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आठ माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में महारैली और उत्‍तर प्रदेश राज्‍य के सभी मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की है। मोर्चा ने उत्तर प्रदेश में अपने आंदोलन के लिए चार चरणों की रणनीति बनाई है। किसान नेताओं ने दिल्‍ली की तरह लखनऊ को भी चारों तरफ से घेरने की चेतावनी दी है।

यहां प्रेस क्‍लब में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित पत्रकार वार्ता में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत, जय किसान आंदोलन के प्रोफेसर योगेंद्र यादव, राष्‍ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के शिवकुमार कक्का जी, जगजीत सिंह दल्‍लेवाल और डॉक्टर आशीष मित्तल समेत कई नेताओं ने सत्‍तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दलों के कार्यक्रमों का विरोध और उनके नेताओं का बहिष्कार करने के ऐलान के साथ आंदोलन के अगले कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की।

राकेश टिकैत ने कहा, ''अब लखनऊ को भी दिल्‍ली की तरह बनाया जाएगा और जिस तरह दिल्‍ली में चारों तरफ के रास्‍ते सील हैं, ऐसे ही लखनऊ के चारों तरफ के रास्‍ते किसानों द्वारा सील किये जाएंगे। हम इसकी तैयारी करेंगे।''

टिकैत ने कहा, ''तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने तथा न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चल रहा ऐतिहासिक किसान आंदोलन आठ माह पूरे कर चुका है। इन आठ महीनों में किसानों के आत्मसम्मान और एकता का प्रतीक बना यह आंदोलन अब किसान ही नहीं देश के सभी संघर्षशील वर्गों का लोकतंत्र बचाने और देश बचाने का आंदोलन बन चुका है।''

नेताओं ने कहा कि अब आंदोलन को और तीव्र, सघन तथा असरदार बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे राष्ट्रीय आंदोलन के अगले पड़ाव के रूप में मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से शुरू करने का फैसला किया है। नेताओं ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आंदोलन की धार तेज होगी और इस मिशन का उद्देश्य होगा कि पंजाब और हरियाणा की तरह उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में भी हर गांव किसान आंदोलन का दुर्ग बने, कोने - कोने में किसान पर हमलावर कॉरपोरेट सत्ता के प्रतीकों को चुनौती दी जाए और किसान विरोधी भाजपा और उसके सहयोगियों का हर कदम पर विरोध हो। उन्होंने कहा कि आज भारतीय खेती और किसानों को कॉर्पोरेट और उनके राजनीतिक दलालों से बचाना है।

किसान नेताओं ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सभी टोल प्लाजा को निशुल्क करने की मांग की । उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि पूंजीपतियों के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएं तथा भाजपा और उसके सहयोगी दलों के कार्यक्रमों का विरोध और उनके नेताओं का बहिष्कार किया जाए। उन्होंने बताया कि इस मिशन को कार्य रूप देने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में बैठकों, यात्राओं और रैलियों का सिलसिला शुरू किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने चार चरणों में आंदोलन को विभक्त किया है जिसके तहत पहले चरण में राज्यों में आंदोलन में सक्रिय संगठनों के साथ संपर्क और समन्‍वय स्‍थापित किया जाएगा और दूसरे चरण मे मंडलवार किसान कन्वेंशन और जिलेवार तैयारी बैठक होगी। तीसरे चरण में पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में देश भर से किसानों की ऐतिहासिक महापंचायत आयोजित की जाएगी और चौथे चरण में सभी मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी फैसला किया है कि इस मिशन के तहत राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ किसानों के स्थानीय मुद्दे भी उठाए जाएंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Farmers' rally in Muzaffarnagar will be against three new agricultural laws, will besiege Lucknow

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे