किसानों ने एमएसपी पर कानून बनाने, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांगों को उठाया

By भाषा | Updated: November 22, 2021 14:47 IST2021-11-22T14:47:02+5:302021-11-22T14:47:02+5:30

Farmers raised demands for legislation on MSP, dismissal of Union Minister of State for Home | किसानों ने एमएसपी पर कानून बनाने, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांगों को उठाया

किसानों ने एमएसपी पर कानून बनाने, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांगों को उठाया

लखनऊ, 22 नवंबर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर सोमवार को यहां बंगला बाजार (पुरानी जेल रोड) स्थित इको गार्डन में आयोजित ‘किसान महापंचायत’ में देश के विभिन्‍न राज्‍यों के किसान पहुंचे। किसानों ने महापंचायत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाने और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' की बर्खास्तगी समेत अन्य प्रमुख मांगों को उठाया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुक्रवार को तीन विवादास्‍पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा से काफी पहले लखनऊ में इको गार्डन में किसान महापंचायत आयोजित करने की घोषणा संयुक्त किसान मोर्चा ने की थी। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भी किसानों ने अपनी महापंचायत आयोजित की और अपनी छह सूत्रीय मांगों पर जोर दिया।

महापंचायत में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा, ''तीन कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के अलावा और भी कई मुद्दे हैं जिनका समाधान किये जाने की जरूरत है। ऐसा लगता है कि कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की घोषणा के बाद सरकार किसानों से बात नहीं करना चाहती है। सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि उसने कानूनों को निरस्त कर दिया है और वह हमसे बात करना नहीं चाहती है ताकि हम गांवों में जाना शुरू कर सकें।''

उन्होंने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार के साथ 12 दौर की बातचीत हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘अब तक हमारे 750 किसान आंदोलन में शहीद हो गये हैं।’’

टिकैत ने बातचीत में मोर्चा की छह सूत्रीय मांगों को दोहराया।

उत्तराखंड से एसकेएम नेता गुरप्रीत सुकिया ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड के किसान लखनऊ में किसान महापंचायत में हिस्सा लेने आए हैं।

अखिल भारतीय महिला जनवादी समिति (एडवा) की प्रदेश अध्यक्ष मधु गर्ग ने कहा, "हमारी रोटी और थाली सीधे किसानों और उनके कल्याण से जुड़ी हुई हैं। हमें खुशी है कि कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की गई है।'' उन्होंने कहा, "यह हमारे आंदोलन की जीत है लेकिन, जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती, हम चैन से नहीं बैठेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं किया है।"

राष्ट्रीय किसान मंच के शेखर दीक्षित ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की, जिसमें भाजपा अपने हाथों से सत्ता को फिसलती हुई देख रही है।"

गौरतलब है कि एसकेएम के नेताओं ने रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक ‘खुला पत्र’ लिखा था और कहा था कि जब तक सरकार उनकी छह मांगों पर वार्ता बहाल नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

नरमी का कोई संकेत न दिखाते हुए किसान संगठनों ने घोषणा की थी कि वे एमएसपी की गारंटी देने संबंधी कानून के लिए दबाव बनाने के वास्ते सोमवार को लखनऊ में महापंचायत के साथ ही अपने निर्धारित विरोध प्रदर्शनों पर अडिग हैं।

उधर, सरकारी सूत्रों ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दिए जाने पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा विचार किए जाने की संभावना है ताकि उन्हें संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके।

एसकेएम ने छह मांगें रखीं, जिनमें उत्पादन की व्यापक लागत के आधार पर एमएसपी को सभी कृषि उपज के लिए किसानों का कानूनी अधिकार बनाने, लखीमपुर खीरी घटना के संबंध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और उनकी गिरफ्तारी के अलावा किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के लिए स्मारक का निर्माण शामिल है।

एसकेएम ने पर्यावरण संबंधी अधिनियम में किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान हटाये जाने और सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत संशोधन विधेयक 2020-2021 के मसौदे को वापस लेने की भी मांग की है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में अक्टूबर में हुई घटना के दौरान चार किसानों की मौत हो गई थी। इस मामले में मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को गिरफ्तार किया गया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Farmers raised demands for legislation on MSP, dismissal of Union Minister of State for Home

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे