लाइव न्यूज़ :

Farmers protest: किसान आंदोलन खत्म करने का ऐलान, 11 दिसंबर से घर वापसी

By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 9, 2021 18:55 IST

Farmers protest: संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसान आंदोलन स्थगित हो गया है। 13 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर में विशेष अरदास की जाएगी। किसानों की जीत हुई है।

Open in App
ठळक मुद्दे15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे।किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत प्रभाव से वापस लिए जाएंगे।किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि किसानों की ऐतिहासिक जीत है।

नई दिल्लीः संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को साल भर से चले आ रहे किसानों के धरने को खत्म करने की घोषणा की। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि उनकी लंबित मांगों को लेकर केन्द्र के संशोधित मसौदा प्रस्ताव पर आम सहमति बन गई है।

दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चारुनी ने कहा कि हमने अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया है। हम 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे। अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती है, तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं। 

किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि किसानों की ऐतिहासिक जीत, हम उन लोगों से माफी मांगते हैं, जिन्हें प्रदर्शन के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों के लंबित मुद्दों पर केंद्र से मसौदा प्रस्ताव मिलने के बाद आज एसकेएम की बैठक में यह फैसला लिया गया।

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसानों का आंदोलन स्थगित हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक 15 जनवरी को होगी। किसान 11 दिसंबर को अपने घर जाते हुए विजय मार्च निकालेंगे।राजेवाल ने कहा कि हम किसान को झुका कर जा रहे हैं। मोर्चा ने कहा कि 11 दिसंबर से आंदोलनकारी किसान घर को जाएंगे।

एसकेएम के सूत्रों के अनुसार भेजे गए नए प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बनी समिति में सरकार एसकेएम के सदस्यों को शामिल करेगी और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारें किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत प्रभाव से वापस लेने पर सहमत हो गई हैं। दिल्ली में किसानों के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस लिए जाएंगे।

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान पिछले वर्ष 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। संसद में 29 नवंबर को विधेयक पारित कर तीनों विवादास्पद कृषि कानून वापस ले लिए गए, जो प्रदर्शनकारी किसानों की मुख्य मांग थी, लेकिन गतिरोध बना रहा क्योंकि प्रदर्शनकारी एमएसपी पर कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को पूरा करने पर अड़े रहे।

टॅग्स :किसान आंदोलनदिल्लीपंजाबउत्तर प्रदेश
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत अधिक खबरें

भारतटीचर से लेकर बैंक तक पूरे देश में निकली 51,665 भर्तियां, 31 दिसंबर से पहले करें अप्लाई

भारतगोवा अग्निकांड पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, पीड़ितों के लिए मुआवजे का किया ऐलान

भारतGoa Fire Accident: अरपोरा नाइट क्लब में आग से 23 लोगों की मौत, घटनास्थल पर पहुंचे सीएम सावंत; जांच के दिए आदेश

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम