संसद के बाहर प्रस्तावित प्रदर्शन में 22 राज्यों के किसान हिस्सा लेंगे: एसकेएम

By भाषा | Updated: July 15, 2021 22:08 IST2021-07-15T22:08:35+5:302021-07-15T22:08:35+5:30

Farmers from 22 states will participate in the proposed protest outside Parliament: SKM | संसद के बाहर प्रस्तावित प्रदर्शन में 22 राज्यों के किसान हिस्सा लेंगे: एसकेएम

संसद के बाहर प्रस्तावित प्रदर्शन में 22 राज्यों के किसान हिस्सा लेंगे: एसकेएम

नयी दिल्ली, 15 जुलाई संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बृहस्पतिवार को कहा कि विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर 22 जुलाई से संसद के बाहर प्रस्तावित प्रदर्शन में 22 राज्यों के किसान हिस्सा लेंगे।

चालीस किसान संघों के संगठन एसकेएम ने कहा कि संसद के मानसून सत्र के दौरान हर दिन लगभग 200 किसान संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करेंगे। नेताओं ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है कि क्या उन्हें संसद के बाहर प्रदर्शन करने की अनुमति मिल गई है? लेकिन उन्होंने कहा है कि प्रदर्शन "शांतिपूर्ण" होगा।

संगठन ने एक बयान में कहा, “संयुक्त किसान मोर्चा के 22 जुलाई से 13 अगस्त तक संसद मार्च के आह्वान को देश भर से जबरदस्त और उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है।”

एसकेएम ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के अलावा, प्रदर्शन में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के किसान बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे।

बयान के मुताबिक, महिलाएं 26 जुलाई और नौ अगस्त को विशेष मार्च निकालेंगी जिसमें पूर्वोत्तर समेत देशभर से बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेंगे।

एसकेएम ने कहा, “ सासंद यह देखेंगे कि अपनी मांगें रखने और अपनी आवाज़ सुनाने के लिए पूरे देश के किसान अनुशासित तरीके से संसद मार्च कर रहे हैं। ”

बयान में कहा गया है कि किसान आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए गुल पनाग, अमितोज मान और बब्बू मान सहित पंजाबी कलाकारों ने सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों के लिए बृहस्पतिवार को प्रस्तुति दी। उन्होंने भारतीय नागरिकों से किसान आंदोलन के साथ अपनी एकजुटता दिखाने की अपील की।

बयान में कहा गया है, “उल्लेखनीय है कि देश का हर वर्ग किसानों के समर्थन में सामने आ रहा है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसानों के साथ न्याय करने और उनके साथ खड़ी होने में असमर्थ रही है।”

हजारों किसान पिछले साल नवंबर के अंत से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तीन सीमाओं--सिंघू, टीकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दे। वहीं सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं। बहरहाल, सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है जो गतिरोध नहीं तोड़ पाई है।

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Web Title: Farmers from 22 states will participate in the proposed protest outside Parliament: SKM

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