नयी दिल्ली, 14 दिसंबर कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के बीच अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति (एआईकेसीसी) के नेतृत्व में किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से सोमवार को मुलाकात कर विवादास्पद कानूनों को अपना समर्थन दिया।
पिछले दो हफ्ते में नए कानूनों को समर्थन देने वाला किसानों का यह चौथा समूह है ।
एआईकेसीसी के महासचिव गुणवत पाटील हंगेरगेकर ने कृषि मंत्री को एक ज्ञापन सौंपकर कुछ संशोधनों के साथ तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करने की बात कही। एआईकेसीसी की 28 राज्यों में मौजूदगी है। इससे पहले हरियाणा और उत्तराखंड के समूहों ने नए कानूनों को अपना समर्थन दिया था।
पाटिल ने बैठक के बाद पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कई साल के संघर्ष के बाद ये कानून लागू किए गए। हमें पता है कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुछ ताकतों ने गुमराह किया है। इन कानूनों के जरिए किसानों को आजादी मिली है। हम नहीं चाहते कि उस आजादी को खत्म कराने में इन ताकतों को कामयाबी मिले।’’
उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए कुछ संशोधन जरूरी हैं। इसे छोड़कर बाकी कानून किसान समुदाय के हित में हैं।
पाटिल ने कहा, ‘‘दो पक्षों के बीच समझौते का उल्लंघन होने की स्थिति में हम चाहते हैं कि सरकार को एक त्वरित न्यायाधिकरण का गठन करना चाहिए। ऐसा इसलिए कि अनुमंडलीय दंडाधिकारी (एसडीएम) और उपायुक्तों के पास समय नहीं होता और दीवानी अदालतों में लंबा समय लग जाता है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।