धान खरीद में देरी के विरोध में किसानों ने पुलिस अवरोधक तोड़ा, पानी की बौछार का सामना किया
By भाषा | Updated: October 2, 2021 18:47 IST2021-10-02T18:47:23+5:302021-10-02T18:47:23+5:30

धान खरीद में देरी के विरोध में किसानों ने पुलिस अवरोधक तोड़ा, पानी की बौछार का सामना किया
चंडीगढ़, दो अक्टूबर धान की खरीद में देरी होने के विरोध में शनिवार को पंजाब और हरियाणा के किसानों ने विधायकों और मंत्रियों के आवासों पर धरना दिया। इस क्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के करनाल स्थित आवास के पास किसानों ने पुलिस के अवरोधक तोड़ दिए और पानी की बौछार का सामना किया।
केंद्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा में खरीफ धान की खरीद को बृहस्पतिवार को स्थगित कर दिया था क्योंकि फसल पकी नहीं है और भारी बारिश के चलते उसमें नमी की मात्रा अधिक है। आमतौर पर एक अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक धान की फसल खरीदी जाती है।
करनाल में किसानों ने खट्टर के आवास पर धरना देने का प्रयास किया जिसे रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के वास्ते पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। अधिकारियों ने बताया कि शाहाबाद और पंचकूला में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मंत्री संदीप सिंह समेत भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के घरों तक पहुंचने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया और पुलिस के अवरोधक तोड़ दिए।
हरियाणा और पंजाब में कुछ स्थानों पर किसानों और पुलिस के बीच छिटपुट झड़प होने के चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई। कई स्थानों पर किसानों ने मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के आवासों तक पहुंचने के बाद उनके घरों के सामने अनाज से लदी अपनी ट्रॉली खड़ी कर दी।
पंजाब में किसान कई कांग्रेस विधायकों के आवासों के बाहर एकत्र हुए। धान की फसल की खरीद में हो रही देरी पर किसानों ने रूपनगर में विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह और मोगा में विधायक हरजोत सिंह कमल के घर के सामने प्रदर्शन किया। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि सरकारी एजेंसियों से धान खरीदने को कहा जाए, वहीं, खट्टर और हरियाणा के कृषि मंत्री जे पी दलाल शनिवार को दिल्ली पहुंचे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फसल की खरीद में कोई समस्या न आए।
संयुक्त किसान मोर्चा ने विरोध प्रदर्शन के लिए शुक्रवार को आह्वान किया था। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान दोनों राज्यों से किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।
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