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किसान ट्रैक्टर परेड षडयंत्र मामला: आरोपी व्यक्ति से पुलिस कर रही है पूछताछ

By भाषा | Updated: January 23, 2021 12:19 IST

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नयी दिल्ली/चंडीगढ़, 23 जनवरी केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उनमें से चार की हत्या करने और 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के दौरान अशांति पैदा करने की साजिश रची गई। इस संबंध में आरोपी व्यक्ति से हरियाणा पुलिस सोनीपत में पूछताछ कर रही है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

किसान नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर शुक्रवार रात आरोपी व्यक्ति को मीडिया के सामने पेश किया था।

सोनीपत के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति करीब 21 साल का बताया जा रहा है और उससे राज्य पुलिस की अपराध शाखा पूछताछ कर रही है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति सोनीपत में रह रहा था और उसका कोई पुराना आपराधिक इतिहास नहीं है।

अधिकारी ने बताया, ‘‘ उसके पास कोई हथियार या अन्य विस्फोटक सामग्री नहीं मिली है। हम उससे पूछताछ कर रहे हैं लेकिन जिस तरह के आरोप लगे हैं, उस संबंध में अभी तक कुछ ऐसा नहीं मिला है जो किसी भी तरह की साजिश की ओर इशारा करता हो।’’ उन्होंने बताया कि आगे की जांच की जा रही है।

सिंघू बॉर्डर पर शुक्रवार देर रात संवाददाता सम्मेलन के दौरान किसान नेताओं ने एक व्यक्ति को पेश किया, जिसने दावा किया कि उसके साथियों को राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के दौरान कथित तौर पर पुलिसकर्मी बनकर भीड़ पर लाठीचार्ज करने को कहा गया था।

किसान नेताओं ने दावा किया कि उन्होंने सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल से इस व्यक्ति को पकड़ा है। इसके बाद उसे हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया।

किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को बाधित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

किसानों ने जिस व्यक्ति को पकड़ने का दावा किया उसका चेहरा नकाब से ढका था। उसने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि मीडिया में जाना पहचाना चेहरा बन चुके चार किसान नेताओं को मारने की साजिश रची गई।

उसने कहा, '' 26 जनवरी को दिल्ली पुलिस के कर्मियों पर गोली चलाकर अशांति पैदा करने की साजिश रची गई ताकि इसकी वजह से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस सख्त कार्रवाई करती।''

नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे जिनमें से अधिकतर पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं।

किसान संगठनों का आरोप है कि नए कृषि कानूनों से मंडी और एमएसपी खरीद की व्यवस्था समाप्त हो जाएंगी तथा किसान बड़े कॉरपोरेट घरानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे।

उच्चतम अदालत ने 11 जनवरी को तीनों नए कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी और गतिरोध को दूर करने के मकसद से चार-सदस्यीय एक समिति का गठन किया था। फिलहाल, इस समिति में तीन ही सदस्य हैं क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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