लाइव न्यूज़ :

किसान आंदोलन: पत्रकार मंदीप पूनिया रिहा, 25 हज़ार के निजी मुचलके पर रोहिणी कोर्ट ने दी ज़मानत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 2, 2021 20:58 IST

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सतबीर सिंह लाम्बा ने पूनिया की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता, पीड़ित और गवाह सिर्फ पुलिसकर्मी ही हैं ,‘‘इसलिए, इस बात की कोई संभावना नहीं है कि आरोपी/प्रार्थी किसी पुलिस अधिकारी को प्रभावित कर सकता है।’’

Open in App
ठळक मुद्देकिसानों के प्रदर्शन स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में पूनिया को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। 25,000 रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके के साथ जमानत मंजूर करते हैं।अदालत ने पूनिया पर उसकी (अदालत की) पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाने सहित शर्तें भी लगाई।

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल से गिरफ्तार किए गए स्वतंत्र (फ्रीलांस) पत्रकार मंदीप पूनिया को मंगलवार को जमानत दे दी।

उन्हें दिल्ली पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया था। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सतबीर सिंह लाम्बा ने पूनिया की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता, पीड़ित और गवाह सिर्फ पुलिसकर्मी ही हैं ,‘‘इसलिए, इस बात की कोई संभावना नहीं है कि आरोपी/प्रार्थी किसी पुलिस अधिकारी को प्रभावित कर सकता है।’’

सिंघू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में पूनिया को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। पूनिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं--186 (सरकारी कर्मचारी के कामकाज में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य पालन से रोकने के लिए उस पर हमला करना या उस पर आपराधिक बल प्रयोग करना) और 332 (सरकारी कर्मचारी को उसकी ड्यूटी से रोकने के लिए उसे स्वैच्छिक रूप से चोट पहुंचाना)--- के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

न्यायाधीश ने आदेश में इस बात का जिक्र किया कि कथित हाथापाई की घटना शाम करीब साढ़े छह बजे की है, ‘‘ जबकि, मौजूदा प्राथमिकी अगले दिन रात करीब एक बज कर 21 मिनट पर दर्ज की गई।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘आरोपी फ्रीलांस पत्रकार है। आरोपी व्यक्ति जांच को प्रभावित नहीं करेगा और आरोपी को न्यायिक हिरासत में रखे जाने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा कि कानून का यह बखूबी स्थापित विधिक सिद्धांत है कि ‘जमानत एक नियम है और जेल एक अपवाद है।’’

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसलिए, तथ्यों एवं परिस्थितियों पर, दोनों पक्षों की ओर से पेश गई दलीलों पर और न्यायिक हिरासत में आरोपी को रखने की अवधि पर संपूर्णता से विचार करते हुए वह 25,000 रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके के साथ जमानत मंजूर करते हैं।’’

अदालत ने पूनिया पर उसकी (अदालत की) पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाने सहित शर्तें भी लगाई। अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी जमानत पर रिहा रहने के दौरान इस प्रकार का कोई अपराध या कोई अन्य अपराध नहीं करेगा। आरोपी किसी भी तरह सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा।’’

अदालत ने निर्देश दिया कि जब जांच एजेंसी को आवश्यकता होगी, तब आरोपी पेश होगा। पूनिया ने अदालत से कहा है कि वह बेकसूर हैं और उन्हें मामले में फंसाया गया है। गौरतलब है कि पूनिया को गिरफ्तारी के बाद अदालत ने रविवार को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। 

टॅग्स :दिल्लीकिसान आंदोलननरेंद्र मोदीदिल्ली क्राइम
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत अधिक खबरें

भारतGoa Fire Accident: अरपोरा नाइट क्लब में आग से 23 लोगों की मौत, घटनास्थल पर पहुंचे सीएम सावंत; जांच के दिए आदेश

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो