नयी दिल्ली, आठ दिसंबर किसान नेताओं ने मंगलवार को दावा किया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को ‘भारत बंद’ सफल रहा और 25 राज्यों में इसका असर हुआ।
सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि बंद ने सरकार के ‘आंख और कान’ खोल दिए हैं ।
किसान नेताओं ने कहा कि प्रदर्शनकारी बुराड़ी मैदान नहीं गए क्योंकि यह ‘‘खुली जेल’’ की तरह है। उन्होंने कहा कि सरकार को रामलीला मैदान में प्रदर्शन की अनुमति देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वे दिल्ली और हरियाणा के लोगों की मुश्किलें नहीं बढ़ाना चाहते हैं।
पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रूलदू सिंह मनसा ने कहा कि किसानों के प्रतिनिधियों का 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार शाम को जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा तो अपनी मांगों पर केवल ‘हां’ या ‘ना’ जवाब के लिए उनसे कहेगा।
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि ‘भारत बंद’ सफल रहा और 25 राज्यों में इसका असर रहा। कश्मीर से कन्याकुमारी तक बंद रहा। केंद्र सरकार को अब पता है कि उसके पास कोई रास्ता नहीं है।
किसान नेताओं का एक समूह मंगलवार शाम को शाह से मुलाकात करेगा। एक दिन बाद बुधवार को किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों के साथ छठे दौर की वार्ता होगी।
मनसा ने कहा, ‘‘बीच का कोई रास्ता नहीं है। हम आज की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह से केवल ‘हां’ या ‘ना’ में जवाब देने को कहेंगे।’’
मनसा ने दावा किया कि केंद्र सरकार ‘भारत बंद’ के सामने झुक गयी है।
चढूनी ने कहा कि ‘भारत बंद’ सफल रहा और केंद्र सरकार को अब पता है कि उसके पास कोई रास्ता नहीं है।
भाकियू के नेता भोग सिंह मनसा ने कहा कि शाह के साथ बैठक के बाद किसान चर्चा करेंगे और बुधवार को अपने अगले कदम पर फैसला करेंगे।
‘स्वराज इंडिया’ के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 25 राज्यों में करीब 10,000 जगहों पर बंद आहूत किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक दिन है। इसने सरकार की आंख और कान खोल दिए हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि मछुआरों, खनन कामगारों, उद्योगों से जुड़े कामगारों, छात्रों, रेलवे फेडरेशन के कर्मियों, लेखकों सबने बंद का समर्थन किया।
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