चेन्नई, 28 दिसंबर ऑस्कर पुरस्कार विजेता संगीतकार ए आर रहमान की मां करीमा बेगम का सोमवार को यहां निधन हो गया। परिवार के निकटवर्ती सूत्रों ने इसकी जानकारी दी ।
रहमान ने अपने ट्विटर पेज पर अपनी मां की तस्वीर साझा की ।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी एवं द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने रहमान की मां के निधन पर शोक जताया है ।
पलानीस्वामी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘बीमारी के कारण महान संगीतकार ए आर रहमान की मां करीमा बेगम के निधन की खबर सुन कर दुखी हूं ।’’
मुख्यमंत्री ने रहमान और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि संगीत के क्षेत्र में रहमान के यहां तक पहुंचने में उनकी मां की ‘‘बड़ी भूमिका’’ थी ।
संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी बेगम के निधन पर शोक जताया है ।
संगीतकार एवं गायक सलीम मर्चेंट ने कहा, ‘‘आपको हुयी इस क्षति से बेहद दुखी हूं, ए आर । हम दुआ करते हैं कि अम्मा को जन्नत उल फिरदौस नसीब हो।’’
गायिका श्रेया घोषाल ने कहा, ‘‘रहमान सर, यह खबर सुनकर बेहद दुखी हूं । जिन लोगों से मैं मिली हूं उनमें वह सबसे निर्मल एवं स्नेही महिला थी। मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना करती हूं ।’’
फिल्मकार शेखर कपूर ने ट्वीट किया, ‘‘मैं जानता हूं कि आपका दिल टूटा है। लेकिन आपकी मां ने आपको एक आंतरिक शक्ति देकर गयी है ... जिसे मैंने लंबे समय से देखा और सराहा है। मजबूत रहो मेरे दोस्त ।’’
संगीतकार थमन, देवी श्री प्रसाद एवं अन्य लोगों ने भी बेगाम के निधन पर शोक जताया ।
मणिरत्नम की फिल्म ‘‘रोजा’’ (1992) से संगीत की यात्रा शुरू करने वाले रहमान ने जल्द ही संगीत के क्षेत्र में विश्व पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। इसके बाद उन्होंने एकेडमी अवार्ड, ग्रैमी, बाफ्टा एवं गोल्डन ग्लोब अवार्ड जीता ।
रहमान ने अपनी तमाम सफलताओं का श्रेय अपनी मां को दिया और कहा कि उनकी संगीत यात्रा में उनकी मां प्रेरणास्रोत बनी रहीं और लगातार उनका समर्थन मिला ।
रहमान ने 81 वें एकेडमी अवार्ड में ‘‘स्लमडॉग मिलियनायर’’ के लिये ऑस्कर जीतने के बाद, इसे उन्होंने अपनी मां को समर्पित किया था।
उन्होंने कहा था, ‘‘एक हिंदी (फिल्म का) संवाद है, मेरे पास मां है। इसका मतलब है कि मेरे पास कुछ नहीं है लेकिन मेरी मां है। इसलिये मेरी मां यहां है और उनका आशीर्वाद मेरे साथ है । मेरा साथ देने के लिये मैं उनका आभारी हूं ।’’
इस साल सितंबर में पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में रहमान ने कहा था कि यह उनकी मां का भरोसा था कि वह आज यहां तक पहुंचे हैं।
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