लाइव न्यूज़ :

रेल हादसे में मारे गए मजदूरों के परिजनों को 10 माह बाद भी नहीं मिला मृत्यु प्रमाण पत्र

By भाषा | Updated: March 27, 2021 12:56 IST

Open in App

शहडोल (मप्र), 27 मार्च पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में हुए रेल हादसे में जान गंवाने वाले मध्य प्रदेश के सभी 16 मजूदरों के परिजनों को 10 महीने बाद भी अब तक मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल सका है।

इससे उनके परिजनों को बैंक, बीमा एवं अन्य कामों को करवाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे इन 16 प्रवासी मजदूरों की पिछले वर्ष आठ मई को एक मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी। ये सभी महाराष्ट्र के जालना की एक स्टील फैक्टरी में काम करते थे और कोविड-19 लॉकडाउन के कारण बेरोजगार होने के बाद रेल की पटरियों के किनारे-किनारे पैदल चल कर मध्य प्रदेश में अपने घरों को लौट रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे और ट्रेन की चपेट में आने से इनकी मौत हो गई थी।

इन 16 मजदूरों में 11 मजदूर शहडोल जिले के थे एवं बाकी उमरिया जिले के थे।

अधिकारियों का कहना है कि औरंगाबाद प्रशासन ने अब तक मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं भेजे हैं।

हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार एवं महाराष्ट्र सरकार द्वारा दी गई राहत राशि परिजनों को मिल गई है।

शहडोल जिले के जयसिंहनगर के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) दिलीप पांडे ने बताया, ‘‘मृत्यु प्रमाण पत्र वहीं से जारी होते हैं जहां किसी की मृत्यु होती है। इन सभी मजदूरों की मौत औरंगाबाद जिले में हुई थी। वहां के प्रशासन को पत्र लिखा गया है।’’

पांडे ने कहा, ‘‘शहडोल कलेक्टर द्वारा औरंगाबाद कलेक्टर से मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए चर्चा भी की गई है। दोबारा फिर से प्रमाण पत्र के लिए औरंगाबाद कलेक्टर को पत्र भेजा गया है।’’

मृतक मजदूरों के परिजनों के अनुसार उन्होंने जयसिंहनगर के तत्कालीन एसडीएम को मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन भी दिया था, लेकिन उन्होंने यह कहकर आवेदन खारिज कर दिया कि मृत्यु प्रमाण पत्र वहीं से बनेगा जहां मृत्यु हुई है। अभी हाल में ही दोबारा सभी मजदूरों के परिजनों ने मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया है।

मृतक मजदूर दीपक सिंह की पत्नी चंद्रवती ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं होने की वजह से उन्हें विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। सभी सरकारी कामों में मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।

मृतक मजदूर राजबहार की पत्नी सुनीता सिंह ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं होने की वजह से वह विधवा पेंशन का लाभ नहीं ले पा रही हैं।

मृतक मजदूर बृजेश की पत्नी पार्वती सिंह ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण बैंक के काम नहीं हो पा रहे हैं और विधवा पेंशन का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।

रेल दुर्घटना में अपने दोनों बेटों बृजेश एवं शिवदयाल को खोने वाले गजराज सिंह ने बताया, ‘‘बैंक वाले कहते हैं कि मृत्यु प्रमाण पत्र लाओ, तभी काम होगा। एसडीएम के पास जाते हैं तो कहते हैं कि बनेगा, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र आज तक नहीं बना। सभी मजदूरों के मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनने से उनके परिजनों की एक जैसी समस्या पैदा हो गई है। बैंक, बीमे से लेकर जमीन के कागजात से जुड़े सभी काम रूके हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतAdventure Tourism Summit 2025: एडवेंचर टूरिज्म कार्यक्रम के लिए है कश्मीर, जानें क्या कुछ होगा खास

क्रिकेटSMAT 2025: यशस्वी जायसवाल मुंबई टीम से जुड़े, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में दिखाएंगे अपनी बैटिंग का जलवा

भारतबारिश की कमी से कश्मीर में गंभीर जलसंकट, सारा दारोमदार बर्फ पर टिका

स्वास्थ्यUP: 972 सीएचसी और 3735 पीएचसी में वेंटिलेटर बेड नहीं, मरीजों को हो रही दिक्कत

कारोबार10 कंपनियों में से 5 का मार्केट कैपिटल 72,285 करोड़ बढ़ा, जानें सबसे ज्यादा किसे हुआ फायदा

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: DGCA ने इंडिगो को भेजा नोटिस, प्लाइट्स कैंसिल का मांगा जवाब

भारतGoa Club fire: नाइट क्लब के ऑनर और मैनेजर के खिलाफ FIR दर्ज, अग्निकांड हादसे की जांच में जुटी पुलिस

भारतजब आग लगी तो ‘डांस फ्लोर’ पर मौजूद थे 100 लोग?, प्रत्यक्षदर्शी बोले- हर कोई एक-दूसरे को बचा रहा था और यहां-वहां कूद रहे थे, वीडियो

भारतडांस फ्लोर पर लगी आग..., कुछ ही पलों में पूरा क्लब आग की लपटों में घिरा, गोवा हादसे के चश्मदीद ने बताया

भारतगोवा के नाइट क्लब में भीषण आग, 25 लोगों की गई जान; जानें कैसे हुआ हादसा