कोरोना संक्रमण के बीच वाराणसी के परिवार ने पेश की मिसाल, तेरहवीं का भोज न दे कर निराश्रितों को भोजन कराने का लिया संकल्प
By भाषा | Updated: April 15, 2020 17:59 IST2020-04-15T17:59:58+5:302020-04-15T17:59:58+5:30
91 वर्षीय महिला की तेरहवीं पर वाराणसी के परिवार ने भोज न कराकर 2000 गरीब निराश्रित दिव्यांगों भोजन कराने का निर्णय लिया है।

वाराणसी के परिवार ने तेरहवीं का भोज न दे कर निराश्रितों को भोजन कराने का लिया संकल्प। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
वाराणसी। देश में तेजी से पैर पसार रहे कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए सामाजिक दूरी का पालन करने तथा जरूरतमंदों की मदद करने के वास्ते यहां के एक परिवार ने अपनी माता के निधन के बाद उनकी तेरहवीं पर भोज न कराकर 2000 गरीब निराश्रित दिव्यांगों को भोजन कराने का संकल्प लिया।
वाराणसी के ब्रिज एन्क्लेव में रहने वाली 91 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला का चार अप्रैल को निधन हो गया था और 16 अप्रैल को उनकी तेरहवीं है। उनके परिवारजन ने इस मौके पर 2000 निराश्रित, असहाय और दिव्यांग जनों को भोजन कराने का संकल्प लिया और इसके लिए स्वयंसेवी संस्था रोटी बैंक से संपर्क किया।
रोटी बैंक के संचालक किशोर तिवारी ने बताया कि उन्हें इस परिवार से जो सामग्री मिली है उससे भोजन बनाकर वाराणसी जिले में रहने वाले गरीब असहाय निराश्रित लोगों को दो दिन तक लगातार भोजन कराया जाएगा।
बुजुर्ग महिला के पुत्र सत्येंद्र राय ने बताया कि उनकी मां के निधन के बाद धार्मिक कर्मकांड तो यथावत किए गए लेकिन कर्मकांड के नाम पर होने वाले अपव्यय को रोककर उनके परिवार ने समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास किया है। गौरतलब है कि रोटी बैंक एक स्वयंसेवी संस्था है जो 2017 से बेसहारा और दिव्यांग जनों को भोजन कराने का काम कर रही है।