मुंबई, 10 नवंबर महाराष्ट्र में मंत्री नवाब मलिक ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जाली नोटों की जब्ती से संबंधित एक मामले को दबाने और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों की विभिन्न सरकारी बोर्ड में नियुक्त करके ‘राजनीति का अपराधीकरण’ करने का बुधवार को आरोप लगाया।
राकांपा नेता मलिक ने कहा कि आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी (पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद) किए जाने के बाद अन्य राज्यों से जाली नोट पकड़े गए जबकि महाराष्ट्र में ऐसा एक भी मामला नहीं आया। उस समय फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे।
मलिक ने कहा कि आठ अक्टूबर 2017 को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से 14.56 करोड़ रुपये के मूल्य के जाली नोट जब्त किए थे।
मलिक ने आरोप लगाया, “ मगर देवेंद्र फडणवीस ने मामले को दबाने में मदद की। जब्त राशि को बाद में 8.8 लाख रुपये के मूल्य के बराबर दिखाया गया।”
उन्होंने सवाल किया कि मामले को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को क्यों नहीं सौंपा गया?
विपक्ष के नेता फडणवीस पर अपने हमले जारी रखते हुए मलिक ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि आने वाले दिनों में ‘और बम गिराए’ जाएंगे तथा वह इस मुद्दे पर भाजपा का पर्दाफाश करेंगे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता के आरोप पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता फडणवीस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
मलिक ने मंगलवार को कहा था कि वह एक ‘हाइड्रोजन बम’ छोड़ेंगे और फडणवीस के अंडरवर्ल्ड के साथ कथित रिश्तों का भांडाफोड़ करेंगे।
फडणवीस ने इससे पहले मंगलवार को आरोप लगाया था कि एक दशक पहले 1993 मुंबई बम विस्फोटों के दो दोषियों और मलिक तथा उनके परिवार के सदस्यों के बीच एक संदिग्ध भूमि सौदा हुआ था। इस आरोप को मंत्री ने खारिज किया है।
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