कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्रारम्भ हो गया है। इस बात की घोषणा मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के द्वारा दी गई। विदेशमंत्री ने कहा है कि तीर्थयात्रा लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, भारत और चीन के बीच मित्रता और समझ को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस तीर्थ यात्रा की शुरुआत 1981 में हुई थी। विदेशमंत्री ने कहा कि कि यात्रा कि लिए कई सफल याजनाएं बनाई गई हैं। यात्रा के सफल आयोजन के लिए हमें कई अन्य मंत्रालयों और एजेंसियों खासतौर पर उत्तराखंड, सिक्किम और दिल्ली की सरकारों से काफी सहयोग मिला है।
इससे दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान व मित्रता बढ़ेगी। जो दोनों की देशों के लिए बेहतर संबंधों के लिए है।कैलाश मानसरोवर यात्रा 2019 के लिए मंत्रालय को 2,996 आवेदन मिले जिनमें से 2,256 पुरुष आवेदक हैं और 740 महिला आवेदक हैं।
मंत्री ने कहा कि उन्हें कैलाश और मानसरोवर जाने का सौभाग्य मिला था लेकिन वह यात्रा लिपुलेख या नाथू ला मार्ग के जरिए नहीं थी वह उस समय चीन में राजदूत थे और वह उल्हासा से होकर गए थे।