नयी दिल्ली, पांच जनवरी कोविड-19 के टीकाकरण के दौरान किन अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी और उन्हें क्या- क्या कागजात सौंपने होंगे-- इसके निर्धारण करने का जिम्मा संभालने वाली एक विशेषज्ञ समिति द्वारा एक या दो दिनों में अपनी रिपोर्ट दिये जाने की संभावना है। सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि मापदंड परिभाषित करने की जरूरत है और इस बात का मूल्यांकन किया जाना है कि क्या वह अन्य बीमारी व्यक्ति के कोविड-19 संक्रमित जाने पर मौत का खतरा बढ़ा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह मुख्य बिंदु है। मापदंड तय करने के लिए एक समिति गठित की गयी है जो इस बात को लेकर अपनी सिफारिश देगी कि किन आधार पर ऐसे लोगों की बीमारी की गंभीरता के हिसाब से पहचान की जा सकती है। समिति अन्य बातों एवं चीजों को लागू करने के बारे में भी सुझाएगी।’’
पॉल ने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि जुलाई तक प्राथमिकता वाले 30 करोड़ लोगों को शामिल करने के पर्याप्त टीके होंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड-19 टीका संचालन दिशानिर्देश के अनुसार कोविड-19 का टीका पहले स्वास्थ्यकर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को, फिर 50 से अधिक उम्र के लोगों एवं उसके बाद अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को लगाया जाएगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।