महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार को छोड़कर पिछले दो दशक में हर सरकार में मंत्री पद रहें हैं अनिल देशमुख

By भाषा | Updated: April 5, 2021 17:28 IST2021-04-05T17:28:25+5:302021-04-05T17:28:25+5:30

Except for the Fadnavis government in Maharashtra, Anil Deshmukh has served as a minister in every government in the last two decades. | महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार को छोड़कर पिछले दो दशक में हर सरकार में मंत्री पद रहें हैं अनिल देशमुख

महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार को छोड़कर पिछले दो दशक में हर सरकार में मंत्री पद रहें हैं अनिल देशमुख

नागपुर (महाराष्ट्र), पांच अप्रैल महाराष्ट्र राजनीति की बात करें तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अनिल देशमुख एक ऐसा नाम है, जो पिछले दो दशक में देवेन्द्र फडणवीस नीत सरकार को छोड़कर हर सरकार में मंत्री पद पर रहे हैं।

बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को सीबीआई को निर्देश दिया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुम्बई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार एवं कदाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी की जाए। अदालत का यह फैसला मंत्री के लिए बड़ा झटका साबित हुआ और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से अनिल देशमुख ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया।

नागपुर जिले में कटोल के पास वाड्विहीरा गांव से नाता रखने वाले 70 वर्षीय देशमुख ने 1995 में बतौर निर्देलीय विधायक अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की और फिर तत्कालीन शिवसेना नीत सरकार को अपना समर्थन दिया, जिसके बदले में उन्हें राज्य में एक मंत्री बनाया गया।

उस समय शिवसेना ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।

वर्ष 1999 में उन्होंने शिवसेना-भाजपा सरकार से नाता तोड़ दिया और नवगठित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में शामिल हो गए। कटोल विधानसभा सीट से उन्होंने एक बार फिर जीत दर्ज की और 2001 में कांग्रेस-राकांपा सरकार में एक बार फिर मंत्री बने।

देशमुख को मंत्रिमंडल में बदलाव के बाद मंत्री पद से हटा दिया गया था, लेकिन 2009 में एक बार फिर वह मंत्रिमंडल में शामिल हुए और खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग का कार्यभार उन्हें सौंपा गया।

देशमुख को 2014 विधानसभा चुनाव में उनके ही भतीजे ने हराया, लेकिन 2019 में एक बार फिर कटोल सीट से उन्होंने चुनाव जीता।

उन्होंने हाल ही में भाजपा पर हमला करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में दावा किया था कि महाराष्ट्र में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बेहतरीन है।

देशमुख ने लोकसभा सांसद मोहन डेलकर और महाराष्ट्र में ‘‘मध्य प्रदेश के ’’ एक आईएएस अधिकारी की कथित आत्महत्या के मामले का जिक्र करते हुए दावा किया था कि उक्त दोनों लोग को लगता था कि उन्हें महाराष्ट्र में इंसाफ मिलेगा और उनके अपने भाजपा शासित गृह-निवास में नहीं।

विपक्षी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने उसी समय ही यह स्पष्ट किया था कि आईएएस अधिकारी जिसका देशमुख जिक्र कर रहे हैं, वह कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ से हैं। शर्मिंदा देशमुख को बाद में सदन में ठीक तथ्य पेश करना पड़ा था।

मुम्बई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह देशमुख पर निशाना साधने वाले पहले अधिकारी नहीं हैं। इससे पहले अप्रैल 2020 में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एवं महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष आनंद कुलकर्णी ने भी उनकी खुलकर आलोचना की थी और आबकारी अधिकारियों के तबादलों को लेकर हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में देशमुख को "बेनकाब" करने की धमकी भी दी थी।

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Web Title: Except for the Fadnavis government in Maharashtra, Anil Deshmukh has served as a minister in every government in the last two decades.

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