लाइव न्यूज़ :

आईएसी विक्रांत युद्धपोत निर्माण में आत्मनिर्भरता का सबूत : सोनोवाल

By भाषा | Updated: October 31, 2021 22:59 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्वानंद सोनोवाल रविवार को केरल तट के नजदीक मौजूद देश में ही विकसित विमानवाहक युद्धपोत (आईएसी) विक्रांत पर गए और उसके समुद्री परीक्षण की प्रगति की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह युद्धपोत निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का सबूत है।

यह पोत 24 अक्टूबर को दूसरे समुद्री परीक्षण के लिए समुद्र में रवाना हुआ था। वहीं, रविवार को सर्वानंद सोनोवाल जब पोत पर गए तो नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और नौसेना के अन्य अधिकारी भी उनके साथ थे।

कोच्चि तट के नजदीक इस पोत का परीक्षण चल रहा है। पोत के दौरे के दौरान सोनोवाल और नौसेना प्रमुख ने परीक्षण के लिए मौजूद कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के कर्मचारियों, नौसैनिकों और अन्य अधिकारियों को संबोधित किया।

सोनोवाल ने कहा, ‘‘यह दूसरा परीक्षण है। हमारा लक्ष्य इस पोत को अगले साल अगस्त तक नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल करने का है। मैं कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड और नौसेना की साझेदारी से बने पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत को देखकर बहुत खुश हूं। आईएसी विक्रांत भारत के युद्धपोत निर्माण में आत्मनिर्भरता का सबूत है।’’

इस युद्धपोत का पहला समुद्री परीक्षण इस साल 21 अगस्त को हुआ था।

बयान में कहा गया कि दूसरे समुद्री परीक्षण को देखने के बाद मंत्री कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) द्वारा अप्रैल 2022 में पोत को समय पर सौंपने की समयसीमा सुनिश्चित करने से प्रभावित दिखे ताकि इसे अगस्त 2022 को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जा सके।

इस बीच, नौसेना प्रमुख ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि भारत ने इस युद्धपोत के निर्माण में 76 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी लगाई है और इसे 20 हजार करोड़ रुपये के बजट में तैयार किया गया है।

सिंह ने कहा, ‘‘इस परियोजना में करीब 550 उद्योग जुड़े और करीब 13,000 लोगों ने सीएसएल के साथ काम किया। यही नहीं, इसने न सिर्फ हमें महत्वपूर्ण क्षमता दी है बल्कि देश की औद्योगिक क्षमता के लिए भी यह अहम है।’’

उन्होंने बताया कि दूसरे समुद्री परीक्षण के साथ अन्य परीक्षण भी किए जा रहे हैं और नौसेना का लक्ष्य इसे अप्रैल 2022 में प्राप्त करने का है और अगस्त 2022 में औपचारिक रूप से सेवा में शामिल करने की योजना है।

गौरतलब है कि इस विमानवाहक युद्धपोत के पहले चरण का अगस्त में सफल परीक्षण किया गया था। विक्रांत को नौसेना के नौसेना डिजाइन निदेशालय ने डिजाइन किया और इसका निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सीएसएल ने किया। सीएसएल, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करती है।

बयान में कहा गया कि दूसरे चरण के परीक्षण में पोत की प्रणोदक प्रणाली, बिजली और इलेक्ट्रानिक प्रणाली, डेक पर लगी मशीनों, जीवन रक्षक उपकरणों और अन्य प्रणाली को परखा जा रहा है।

आईएसी देश में बना सबसे बड़ा और जटिल युद्धपोत है। 40 हजार टन के इस पोत में दो ऑपरेशन थियेटर के साथ चिकित्सा सुविधा भी है। यह पहली बार है जब केंद्रीय मंत्री और नौसेना प्रमुख इस पोत पर गए। दोनों हेलीकॉप्टर के जरिये पोत पर गए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

बॉलीवुड चुस्कीबॉलीवुड डायरेक्टर विक्रम भट्ट ₹30 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार, जानें क्या है मामला

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारत अधिक खबरें

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

भारतभाजपा के वरिष्ठ शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव पर बोला तीखा हमला, कहा- नेता विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं

भारतलालू यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव ने जमा किया ₹3 लाख 61 हजार रुपये का बिजली बिल, विभाग ने थमाया था नोटिस

भारतबिहार की राजधानी पटना से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर मोकामा में होगा श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर का निर्माण, राज्य सरकार ने उपलब्ध कराई जमीन