सबकुछ बर्बाद हो गया है, भविष्य अनिश्चित है : अफगानिस्तान से लौटे लोगों ने कहा

By भाषा | Updated: August 22, 2021 22:28 IST2021-08-22T22:28:20+5:302021-08-22T22:28:20+5:30

Everything is ruined, future uncertain: returnees from Afghanistan say | सबकुछ बर्बाद हो गया है, भविष्य अनिश्चित है : अफगानिस्तान से लौटे लोगों ने कहा

सबकुछ बर्बाद हो गया है, भविष्य अनिश्चित है : अफगानिस्तान से लौटे लोगों ने कहा

तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान से रविवार की सुबह 160 से ज्यादा अन्य लोगों के साथ हिंडन एयरबेस पहुंचे एक अफगान सांसद और एक नवजात की मां की आंखों से आंसू सूख नहीं रहे थे, उनका कहना था ‘‘सबकुछ बर्बाद हो गया, पता नहीं हमारी किस्मत में क्या लिखा है।’’ एक सप्ताह पहले काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में वहां से निकलकर भारत आने के बाद लोगों के चेहरे पर राहत और सुकून जरूर है लेकिन अपनी जिंदगी को अफगानिस्तान में छोड़ने का फैसला उन सभी के लिए ‘‘मुश्किल’’ है। भारतीय वायुसेना का भारी सैन्य विमान सी-17, 168 लोगों को काबुल से लेकर हिंडन एयर बेस आया है जिसमें 107 भारतीय और 23 अफगान हिन्दू और सिख हैं। इस मिशन से जुड़े लोगों ने बताया कि हिंडन पहुंचने वाले समूह में अफगान सांसद अनारकली होनरयार और नरेंद्र सिंह खालसा तथा उनका परिवार भी शामिल है। सिख सांसद खालसा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे रोना आ रहा है। सबकुछ बर्बाद हो गया। देश को छोड़ने का फैसला बहुत मुश्किल और दुखदायी है। सबकुछ छीन गया है। सबकुछ बर्बाद हो गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में पिछले 20 वर्षों में जो कुछ भी हासिल किया गया था, सबकुछ बर्बाद हो गया है। कुछ भी नहीं बचा। सबकुछ खत्म हो गया है।’’ भारत को अपना दूसरा घर बताते हुए खालसा ने अपनी त्रासदी की कहानी सुनायी। उनका वाहन काबुल हवाईअड्डे जा रहे काफिले से अलग हो गया था। उन्होंने हिंडन पर पत्रकारों से कहा, ‘‘कल (शनिवार) काबुल हवाईड्डा जाने के दौरान उन्होंने (तालिबान) हमें अन्य लोगों से अलग कर दिया क्योंकि हम अफगान नागरिक हैं। हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं, इसलिए हम वहां से भागे हैं।’’ काबुल के रहने वाले सांसद ने आशा जतायी कि देश एकबार फिर खुद को अपने पैरों पर खड़ा करेगा और वह घर लौट सकेंगे। खालसा ने कहा, ‘‘भारत हमारा दूसरा घर है। हम पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि अफगानिस्तान फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो, और हम अपने गुरुद्वारों, मंदिरों का ख्याल रखने और लोगों की सेवा करने वापस जा सकें।’’ अफगानिस्तान की जमीनी हकीकत और उसके नये शासकों के बारे में खालसा का कहना है, ‘‘तालिबान एक समूह नहीं है। 10-12 धड़े हैं। यह पहचानना मुश्किल है कि कौन तालिब है और कौन नहीं।’’ यहां अपने बच्चे को गोद में लिए आरटी-पीसीआर जांच का इंतजार कर रही मां ने सुबकते हुए कहा, ‘‘पिछले सात दिन हमारे लिए बहुत तनावपूर्ण रहे हैं, जब हमें हमारे भविष्य का कुछ पता नहीं था। सबकुछ बहुत अनिश्चित लग रहा था।’’ रविवार को हिंडन पहुंचने वालों में एक और नवजात शामिल था। अपुष्ट सूचना है कि नवजात बिना पासपोर्ट के भारत आया है। अफगान संसद के ऊपरी सदन की सदस्य होनरयार ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मैं भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्रालय और भारतीय वायुसेना को हमें काबुल से बाहर निकालने और हमारा जीवन बचाने के लिए धन्यवाद देती हूं।

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