सभी का ध्यान एडापड्डी सीट पर है जहां से पलानीस्वामी फिर से चुनाव मैदान में हैं

By भाषा | Updated: April 3, 2021 18:39 IST2021-04-03T18:39:52+5:302021-04-03T18:39:52+5:30

Everyone is focused on the Adapaddi seat from where Palaniswami is in the re-election. | सभी का ध्यान एडापड्डी सीट पर है जहां से पलानीस्वामी फिर से चुनाव मैदान में हैं

सभी का ध्यान एडापड्डी सीट पर है जहां से पलानीस्वामी फिर से चुनाव मैदान में हैं

सलेम, तीन अप्रैल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी हो सकता है कि अपनी पार्टी के दिवंगत नेताओं एम जी रामचंद्रन और जे जयललिता जितने करिश्माई नहीं हों लेकिन उनकी सादगी और लोगों के साथ जुड़ने की उनकी क्षमता उन्हें जमीन से जुड़ा नेता बनाती है। पलानीस्वामी एडापड्डी विधानसभा सीट से एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं।

द्रमुक ने पलानीस्वामी के खिलाफ एडापड्डी सीट से अपेक्षाकृत कम अनुभवी टी. संपतकुमार को चुनाव मैदान में उतारा है। संपतकुमार के लिए अन्नाद्रमुक के संयुक्त समन्वयक पलानीस्वामी से मुकाबला थोड़ा कठिन होगा।

पलानीस्वामी पर अपने सहयोगी दलों भाजपा और पीएमके के लिए भी प्रचार की जिम्मेदारी है।

पलानीस्वामी यहां से लगभग 55 किलोमीटर दूर एडापड्डी विधानसभा क्षेत्र से सातवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने चार बार 1989, 1991, 2011 और 2016 के विधानसभा चुनावों के दौरान इस निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की थी लेकिन 1996 और 2006 के चुनावों में दो बार पीएमके से हार गए थे।

इसके अलावा, पलानीस्वामी 1998 का ​​लोकसभा चुनाव तिरुचेनगोडु निर्वाचन क्षेत्र से जीते थे।

जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक की सफलता के लिए रूपरेखा तैयार करते हुए उन्होंने वन्नियार बहुल पीएमके को एक सहयोगी के रूप में बनाए रखा और समुदाय के लिए 10.5 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की। माना जाता है कि इससे उन्हें अपने गृह नगर और वन्नियार बहुल क्षेत्र में प्रभाव जमाने में मदद मिली।

इस निर्वाचन क्षेत्र में कृषि मुख्य आधार है तथा इस क्षेत्र में बुनकर और ताड़ से जुड़े श्रमिकों की एक बड़ी आबादी है।

2016 के विधानसभा चुनाव में पलानीस्वामी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके पीएमके नेता एन अन्नादुरई ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘वह लगातार तीसरी बार यहां से जीत दर्ज करेंगे क्योंकि सत्ता विरोधी कोई लहर नहीं है जैसा मुख्य रूप से विपक्षी द्रमुक द्वारा होने का दावा किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वहीं उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र की उपेक्षा नहीं की। उन्होंने एडापड्डी निर्वाचन क्षेत्र में विकास सुनिश्चित किया जैसा उन्होंने अन्य क्षेत्रों में किया।’’

पलानीस्वामी के लिए प्रचार में जुटे अन्नाद्रमुक सचिवों में शामिल मुरुगन ने कहा, ‘‘निर्वाचन क्षेत्र और तमिलनाडु का विकास उनकी (पलानीस्वामी) सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।’’

मुरुगन ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि मुख्यमंत्री आसानी से जीत जाएंगे और बाकी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाएगी।

द्रमुक उम्मीदवार टी संपतकुमार ने दावा किया कि निर्वाचन क्षेत्र में अभी भी बेरोजगारी की समस्या को हल करने की आवश्यकता है।

संपतकुमार ने कहा कि पलानीस्वामी ने वादा किया था कि जीतने पर वह एक औद्योगिक इस्टेट, एक टेक्सटाइल पार्क और एक कृषि पार्क स्थापित करेंगे।

संपतकुमार के लिए प्रचार कर रहे द्रमुक के एक स्थानीय नेता के. सेल्वराज ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी ने एडापड्डी से एक मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतारा है जो वन्नियार समुदाय से आते हैं। उनके पास जीतने का एक अनुकूल मौका है।’’

अन्नादुरई ने दावा किया, ‘‘इस चुनाव में वन्नियारों द्वारा द्रमुक के लिए वोट करने का कोई संभावना नहीं है। मेरे अनुसार पलानीस्वामी और अन्नाद्रमुक के लिए इस विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत दर्ज करने की 1,000 प्रतिशत उम्मीद है क्योंकि पूरा वन्नियार समुदाय अन्नाद्रमुक को वोट देगा।।

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Web Title: Everyone is focused on the Adapaddi seat from where Palaniswami is in the re-election.

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