जासूसी मामला: पत्रकार की जमानत अर्जी पर सुनवायी बंद कमरे में करने का ईडी का अनुरोध

By भाषा | Updated: September 9, 2021 22:06 IST2021-09-09T22:06:19+5:302021-09-09T22:06:19+5:30

Espionage case: ED's request for in-camera hearing on journalist's bail application | जासूसी मामला: पत्रकार की जमानत अर्जी पर सुनवायी बंद कमरे में करने का ईडी का अनुरोध

जासूसी मामला: पत्रकार की जमानत अर्जी पर सुनवायी बंद कमरे में करने का ईडी का अनुरोध

नयी दिल्ली, नौ सितंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से दिल्ली के स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका पर बंद कमरे में सुनवायी करने का आग्रह किया, जिसे चीन के खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी कथित तौर पर लीक करने और आपूर्ति करने से जुड़़े एक धनशोधन जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता के समक्ष सुनवायी के दौरान एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने बंद कमरे में सुनवायी का अनुरोध किया, जिसका शर्मा के वकील ने विरोध किया।

पत्रकार के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा, ‘‘मैं याचिका का विरोध कर रहा हूं। ये (कार्यवाही) सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत नहीं हैं।’’

न्यायाधीश ने यह कहते हुए सुनवाई स्थगित कर दी कि मामले को अंत में सुना जाएगा लेकिन बाद में पक्षों के वकीलों की अनुपलब्धता के कारण इस पर विचार नहीं किया जा सका।

मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।

सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इस मामले में अब आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है।

सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 14 के तहत अपनी अर्जी में एजेंसी ने इस आधार पर ‘‘सुनवायी के दौरान जनता को बाहर करने’’ का अनुरोध किया कि ‘‘सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत किसी अपराध से संबंधित कार्यवाही के दौरान कोई भी प्रकटीकरण देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक होगा।’’

एजेंसी ने पत्रकार को जमानत देने का विरोध करते हुए कहा है कि उसके द्वारा किए गए अपराधों के सीमा पार निहितार्थ हैं और अगर उन्हें रिहा किया जाता है, तो वह आगे की जांच के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।

पत्रकार की जमानत याचिका के जवाब में, एजेंसी ने कहा कि चूंकि शर्मा ने विदेश यात्राओं के दौरान चीनी खुफिया अधिकारियों को गोपनीय जानकारी कथित तौर पर प्रदान की थी, इसलिए अपराध का एक हिस्सा विदेशी स्थानों में हुआ था। उसने आरोप लगाया कि शर्मा ने जांच में सहयोग नहीं किया और इस स्तर पर धनशोधन कानून के तहत प्रथम दृष्टया बेगुनाही साबित करने में बुरी तरह विफल रहे।

26 अगस्त को न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने एजेंसी को मामले में अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

17 जुलाई को यहां की एक सत्र अदालत ने शर्मा को जमानत देने से इनकार कर दिया था। ईडी ने शर्मा को धनशोधन रोकथान अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत एक जुलाई को गिरफ्तार किया था।

ईडी का मामला दिल्ली पुलिस की उस प्राथमिकी पर आधारित है जो सरकारी गोपनीयता कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत पिछले साल शर्मा के खिलाफ दर्ज किया गया था।

पत्रकार को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने पिछले साल 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था और भारतीय सेना की तैनाती और देश की सीमा रणनीति के बारे में चीनी खुफिया अधिकारियों को जानकारी देने का आरोप लगाया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पत्रकार को पिछले साल दिसंबर में इस मामले में जमानत दे दी थी।

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Web Title: Espionage case: ED's request for in-camera hearing on journalist's bail application

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