बेंगलुरू, 31 मार्च कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री के एस ईश्वरप्पा ने बुधवार को राज्यपाल से मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ शिकायत की। उन्होंने मुख्यमंत्री पर उनके विभाग के मामलों में सीधा हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया।
शिवमोगा से भाजपा के वरिष्ठ नेता ईश्वरप्पा राज्यपाल वजुभाई वाला से मिले और उन्हें पांच पन्ने का पत्र सौंपा। इस पत्र में उन्होंने ‘गंभीर चूक और मुख्यमंत्री द्वारा निरंकुश तरीके से प्रशासन चलाए जाने’ के आरोप लगाये हैं।
ईश्वरप्पा लंबे समय से येदियुरप्पा के सहयोगी रहे हैं।
वरिष्ठ मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे मेरे ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित कुछ प्रशासनिक मामलों को राज्यपाल के संज्ञान में लाना था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं विस्तार से कुछ भी नहीं कहना चाहता--मुझे जो कुछ भी साझा करना था, वो मैंने राज्यपाल से कर दिया है। शेष उन पर छोड़ दिया है।’’
भाजपा सूत्रों ने मामले पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।
अपने पत्र में ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्हें दुख के साथ उनके विभाग से संबंधित मामलों में मुख्यमंत्री की हालिया कुछ कार्रवाई को राज्यपाल के संज्ञान में लाना पड़ रहा है। उनके मुताबिक, वह कार्रवाई विभाग के प्रभारी मंत्री के कार्यों में सीधा हस्तक्षेप है।
उन्होंने कहा कि यह ‘कर्नाटक कार्य संचालन नियमावली, 1977’ का भी स्पष्ट उल्लंघन है और राज्य प्रशासन के मामलों से संबंधित स्थापित परंपराओं और प्रक्रियाओं के भी खिलाफ है।
मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने आरडीपीआर प्रधान सचिव पर धन जारी करने के वास्ते सरकारी आदेश जारी करने के लिये दबाव डाला। इसपर उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की सलाह पर रोक लगा रखी थी।
उन्होंने कहा कि चार मार्च को उनकी अनदेखी करके 460 करोड़ रुपये के कार्यों को मंजूरी दे दी गई।
ईश्वरप्पा ने कहा कि यद्यपि उन्होंने दो आवंटनों और 65 करोड़ रुपये के एक अन्य आवंटन पर रोक लगा दी लेकिन मुख्यमंत्री ने उनके अधिकार अपने हाथ में ले लिये।
मंत्री ने कहा कि गंभीर चूकों को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कर्नाटक के लिये भाजपा के प्रभारी महासचिव समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं के संज्ञान में लाया है। उनके अनुसार, नियमों का उल्लंघन करते हुए मुख्यमंत्री के काम करने की शैली की जानकारी उन्होंने इन नेताओं को दी है।
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