पर्यावरण मंत्री ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक जन साझेदारी का समर्थन किया
By भाषा | Updated: October 7, 2021 19:36 IST2021-10-07T19:36:46+5:302021-10-07T19:36:46+5:30

पर्यावरण मंत्री ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक जन साझेदारी का समर्थन किया
नयी दिल्ली, सात अक्टूबर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष का दोहन और प्रकृति के संरक्षण के प्रति उनकी कोशिशों को बढ़ाने के लिए विकासशील देशों को वित्तीय मदद बढ़ाने की जरूरत वक्त की दरकार है।
अमेरिका-भारत बिजनेस काउंसिल्स इंडिया आइडियाज समिट को संबोधित करते हुए मंत्री ने फिर से कहा कि भारत के जलवायु कार्य और दायित्व साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबद्ध क्षमताओं (सीबीडीआर-आरसी) तथा समता के सिद्धांत से दिशानिर्देशित है।
सीबीडीआर-आरसी का यह मतलब है कि जलवायु परिर्वतन की समस्या का समाधान करना सभी देशों का दायित्व है और विकाशील एवं अल्प विकसित देशों की तुलना में मूल रूप से विकसित देशों को इस जिम्मेदारी को उठाना चाहिए।
मंत्री ने कहा, ‘‘समकालिन चुनौती से निपटने के लिए यह जरूरी है कि समाधान पर ध्यान केंद्रित किया जाए जो हमें न्याय के साथ हमारे लक्ष्य प्राप्त करने में मदद कर सके। वक्त की दरकार प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष का दोहन करना और प्रकृति के संरक्षण के प्रति विकासशील देशों की कोशिशों को बढ़ाने के लिए उन्हें वित्तीय मदद करना है।’’
उन्होंने कहा कि सतत विकास के मूल सिद्धांत --समावेशता और विभिन्न हितधारकों की साझेदारी-- के साथ विश्व को सर्वाधिक जोखिमग्रस्त और हाशिये पर मौजूद समाज के तबके की विशेष देखभाल करना जारी रखना होगा ताकि कोई पीछे नहीं छूटे।
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