लाइव न्यूज़ :

विवाह के लिए धर्मांतरण के खिलाफ उप्र सरकार के अध्यादेश पर प्रबुद्ध लोगों ने दी सतर्क प्रतिक्रिया

By भाषा | Updated: November 25, 2020 19:21 IST

Open in App

लखनऊ, 25 नवंबर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' के बारे में मुस्लिम धर्मगुरुओं और अन्य प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि इस कानून पर कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि इस्लाम में पहले से ही जबरन धर्मांतरण की मनाही है।

हालांकि, उनका यह भी कहना है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि संविधान में मिली धार्मिक आजादी के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं हो।

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' को मंजूरी दी गयी। इस अध्यादेश के तहत ऐसे धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा जो छल, कपट, प्रलोभन, बलपूर्वक या गलत तरीके से प्रभाव, विवाह या किसी कपट रीति से एक धर्म के व्यक्ति को दूसरे धर्म में लाने के लिए किया जा रहा हो।

इसे गैर जमानती संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखने और उससे संबंधित मुकदमे को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में विचारणीय बनाए जाने का प्रावधान किया जा रहा है।

ईदगाह के इमाम और काजी शहर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बुधवार को 'भाषा' से विशेष बातचीत में कहा कि ''जबरन धर्मातंरण की इस्लाम में बिल्कुल भी इजाजत नहीं है। शरीयत में किसी भी चीज की लालच देकर या डरा धमका कर मजहब तब्दील कराना बड़ा जुर्म करार दिया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अध्यादेश में एक बात अच्छी है कि इसमें ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है।’’

उन्होंने कहा ''कानून बनाने का यही मकसद होता है कि किसी के साथ कोई भेदभाव न हो। हम यह उम्मीद करते है कि इस कानून के जरिये भी किसी के साथ कोई नाइंसाफी नहीं की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर लड़का और लड़की बालिग हैं तो उन पर कोई भी बंदिश नहीं लगायी जा सकती है। इस दृष्टि से जो कानून के जानकार हैं उनको यह देखना होगा कि इस कानून के जरिये से जो संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है उस पर तो कोई सवालिया निशान नहीं लग रहा है।’’

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य जफरयाब जिलानी ने 'भाषा' से कहा कि कोई भी मजहब जबरन धर्मातंरण करवाना पसंद नही करता है, इस्लाम में तो यह बिल्कुल जायज ही नहीं है। इस्लाम में जबरदस्ती, लालच देकर, धोखे से धर्म परिवर्तन बिल्कुल जायज नहीं है।’’

जिलानी ने कहा, अगर दो वयस्क शादी करते हैं और वे अलग-अलग जाति, धर्म या यहां तक कि अलग-अलग देश के होते हैं तो भी यह उनका निजी मामला है।

उन्होंने कहा, ‘‘कानून इसलिये बनाया गया ताकि लोगो के अंदर खौफ पैदा करें कि वे धर्मातरंण की बात सोचे ही नहीं। यह असंवैधानिक है आप एक तरह से उस हक को खत्म कर रहे जो भारत के संविधान के अनुच्छेद-25 में दिया है।’’

ऑल इंडिया वुमन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने कहा कि ऐसे कानून की जरूरत नहीं थी।

उन्होंने कहा, अगर कोई झूठ के आधार पर शादी करता है और जबरन धर्मांतरण कराता है तो उसके लिए सख्त कानून होना चाहिए और हमारे पास पहले से ही ऐसे कानून है। ऐसे में नए कानून की जरूरत नहीं थी।’’

अम्बर ने कहा कि अगर सरकार ने नया कानून लाने का फैसला किया है तो उसे यह भी सुनिश्चित करना चाहिए लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी को नुकसान नहीं पहुंचे।

मुस्लिमों के धार्मिक नेता साजिद रशीदी ने कहा कि यह पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले समाज के ध्रुवीकरण की कोशिश है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जबरन धर्मांतरण के खिलाफ पहले ही कानून है लेकिन पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव है और राजनीतिक जमीन तैयार करने के लिए हिंदू-मुस्लिम नफरत पैदा करनी है, इसलिए यह अध्यादेश लाया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने अध्यादेश का स्वागत करते हुये कहा है कि इस नये कानून से हम उन लोगो को सामने ला सकेंगे जो धर्मांतरण के गंदे काम में लगे हैं। उन्होंने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए लाए गए अध्यादेश को जनहित का कानून करार दिया है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी जिसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटअभ्यास छोड़ ‘बीच’ रिजॉर्ट में समय बिताएं खिलाड़ी, कोच ब्रेंडन मैकुलम ने कहा-करारी हार की वजह जरूरत से ज्यादा अभ्यास करना

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

बॉलीवुड चुस्कीबॉलीवुड डायरेक्टर विक्रम भट्ट ₹30 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार, जानें क्या है मामला

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारत अधिक खबरें

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

भारतभाजपा के वरिष्ठ शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव पर बोला तीखा हमला, कहा- नेता विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं

भारतलालू यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव ने जमा किया ₹3 लाख 61 हजार रुपये का बिजली बिल, विभाग ने थमाया था नोटिस