स्थानीय भाषाओं और मातृभाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई सशक्तिकरण का साधन बनेगी: प्रधान
By भाषा | Updated: December 27, 2021 20:11 IST2021-12-27T20:11:46+5:302021-12-27T20:11:46+5:30

स्थानीय भाषाओं और मातृभाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई सशक्तिकरण का साधन बनेगी: प्रधान
नयी दिल्ली, 27 दिसंबर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि स्थानीय भाषाओं और मातृभाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा सशक्तिकरण का साधन होगी।
प्रधान ने इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, इंडिया (आईईआई) द्वारा आयोजित 36वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ''भारत वैज्ञानिक सोच और मजबूत इंजीनियरिंग क्षमताओं वाले लोगों का देश रहा है और हमारे सभ्यतागत इतिहास में संरचनात्मक इंजीनियरिंग, जल प्रबंधन, समुद्री इंजीनियरिंग के वैज्ञानिक प्रमाण हैं।''
उन्होंने कहा, ''दूरदर्शी राष्ट्रीय शिक्षा योजना (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन के बाद हम कौशल के साथ शिक्षा को एकीकृत कर रहे हैं, एक बहु-अनुशासनात्मक दृष्टिकोण अपना रहे हैं और 21 वीं सदी के लिए अपने युवाओं को तैयार करने के उद्देश्य से कौशल और शिक्षुता को मुख्य पाठ्यक्रम का हिस्सा बना रहे हैं।''
उन्होंने कहा, ''राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप स्थानीय भाषाओं और मातृभाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा की शुरुआत , हमारे युवाओं के लिए सशक्तिकरण का एक साधन बनेगी और हमारे इंजीनियरिंग कौशल को और मजबूत करेगी।''
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि इंजीनियरिंग शिक्षा को डिग्री प्रदान करने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए ।
उन्होंने कहा, ''हमें सीखने की प्रक्रिया में भाषाई बाधाओं को दूर करने और हमारे इंजीनियरिंग समुदाय की क्षमता निर्माण की दिशा में सामूहिक रूप से काम करना चाहिए।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।