जबलपुर, एक नवंबर बिजली वितरण क्षेत्र की सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि और दीपावली से पहले बोनस भुगतान सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार आंदोलन शुरु किया।
इसे देखते हुए सरकार ने कर्मचारियों के नेताओं से समाधान के लिए बातचीत की, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला।
‘मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी’ के प्रबंध संचालक विवेक पोरवाल ने सोमवार शाम को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘पूरे राज्य में आज बिजली आपूर्ति सामान्य रही और बिजली आपूर्ति में किसी तरह की बाधा के बारे में कोई शिकायत नहीं आई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बातचीत चल रही है और कार्य का बहिष्कार जल्द ही खत्म हो जाएगा।’’
इसके साथ ही मंगलवार को भी बिजली कंपनियों के कर्मचारियों का विरोध जारी रहने की आशंका है।
‘मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स’ (एमपीयूएफपीईई) ने पिछले सप्ताह विरोध का आह्वान किया था।
एमपीयूएफपीईई के समन्वयक अभियंता वी के एस परिहार ने कहा, ‘‘सरकारी बिजली कंपनियों के 70,000 कर्मचारी, इंजीनियर, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों ने अपनी पांच सूत्रीय मांग के लिए सोमवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार आंदोलन शुरु किया है। इन मांगों में बकाया महंगाई भत्ते का 50 प्रतिशत भुगतान, वेतन वृद्धि तथा दीपावली से पहले बोनस भुगतान की मांग शामिल है।’’
उन्होंने कहा कि मंगलवार को भी हमारा यह कार्य बहिष्कार आंदोलन जारी रहेगा।
परिहार ने बताया कि राज्य के स्वामित्व वाली मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक विवेक पोरवाल और फोरम के प्रतिनिधिमंडल के साथ आज हुई बैठक में कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमारा बहिष्कार जारी रहेगा।’’
परिहार ने कहा कि एमपीयूएफपीईई पहले ही प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव के साथ बैठकों में अपनी मांग रख चुका है। इन बैठकों में भरोसा दिया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि एमपीयूएफपीईई शासकीय बिजली कंपनियों के इंजीनियरों और कर्मचारियों के 11 संघों का एक संयुक्त मंच है।
परिहार ने कहा,‘‘ हमारी अन्य मांगों में संविदा इंजीनियरों और कर्मचारियों को भत्ता तथा आउटसोर्स आधार पर लगे कर्मचारियों को दीपावली के पहले अक्टूबर महीने के वेतन के साथ बोनस का भुगतान तथा वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते का लाभ दिया जाना शामिल है।
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