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पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो चुनाव में सरकार का विरोध करेंगे कर्मचारी व शिक्षक : दिनेश शर्मा

By भाषा | Updated: November 30, 2021 19:15 IST

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लखनऊ, 30 नवंबर उत्तर प्रदेश कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के अध्‍यक्ष दिनेश शर्मा ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने समय रहते शिक्षकों एवं कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली सहित सभी मांगों को पूरा नहीं किया तो चुनाव में कर्मचारी और शिक्षक सरकार का विरोध करेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।

पुरानी पेंशन बहाली सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उत्तर प्रदेश के बैनर तले मंगलवार को लखनऊ के इको गार्डन में एक रैली आयोजित की।

रैली को संबोधित करते हुए दिनेश शर्मा ने कहा कि अब तक कर्मचारी संगठनों की मांगों पर पूर्व की सरकारें समस्याओं का निराकरण करती थी, परन्तु यह पहली सरकार है जो कर्मचारियों द्वारा अपने संघर्षों से अर्जित की गई उपलब्धियों को छीन रही है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का 10 हजार करोड़ का भुगतान सरकार ने रोका हुआ है और एक दर्जन से अधिक भत्ते समाप्त कर दिए गए हैं।’’ शर्मा ने दावा किया, ‘‘ पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल में एक भी शिक्षकों को पदोन्नति नहीं दी गई है और शिक्षामित्र व अनुदेशकों को भुखमरी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया गया है।’’

संगठन की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार शर्मा ने समस्याओं को गिनाते हुए कहा, ‘‘ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं रसोइयां आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, फिर भी सरकार संवेदनशून्य बनी हुई है।’’ उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते शिक्षकों एवं कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली सहित सभी मांगों को पूरा नहीं किया तो वे सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह ने कहा कि सरकार के पास अपने शिक्षकों एवं कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु यह आखिरी मौका है। उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो संगठन राजनीतिक निर्णय लेने में भी कोई हिचक नहीं करेगा।

मंच के प्रधान महासचिव सुशील त्रिपाठी ने कहा कि राज्य कर्मचारियों की अनेक समस्याएं सरकार के सामने समाधान हेतु कई बार प्रस्तुत की गई परंतु सरकार ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया और कर्मचारियों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने दावा किया कि आज की महारैली ने यह साबित कर दिया कि प्रदेश के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अंदर सरकार के प्रति बहुत आक्रोश है जिसका खामियाजा सरकार को आने वाले विधानसभा चुनाव में चुकाना पड़ सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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