प्रख्यात बंगाली कवि सरत मुखर्जी का निधन

By भाषा | Updated: December 21, 2021 13:01 IST2021-12-21T13:01:53+5:302021-12-21T13:01:53+5:30

Eminent Bengali poet Sarat Mukherjee passes away | प्रख्यात बंगाली कवि सरत मुखर्जी का निधन

प्रख्यात बंगाली कवि सरत मुखर्जी का निधन

कोलकाता, 21 दिसंबर प्रख्यात बंगाली कवि और लेखक सरत कुमार मुखर्जी का दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार तड़के निधन हो गया। उन्हें सुनील गांगुली और शक्ति चट्टोपाध्याय के साथ उत्तर-आधुनिकतावादी कवियों के समूह का हिस्सा माना जाता है।

सरत मुखोपाध्याय के नाम से भी पहचाने जाने वाले मुखर्जी अकसर छद्म नाम ‘त्रिशंकु’ के नाम से लिखते थे और उन्हें ‘टू गॉड’ और ‘बिरजामोहन’ जैसी कविताओं के लिए जाना जाता है। वह 15 अगस्त को 90 बरस के हुए थे।

उनके परिवार में इकलौता बेटा सायन मुखर्जी है। उनकी पत्नी और संस्कृत विद्वान एवं कवियित्री बिजॉय मुखापोध्याय का पहले ही निधन हो चुका है।

मुखर्जी उत्तर आधुनिकतावाद के कवियों में से एक हैं जो कविताओं के लिए नए व्याकरण और भाषा के साथ बंगाली तथा भारतीय साहित्य जगत में आए। उनकी कविताएं अपने वक्त की आधुनिक और क्रांतिकारी रही। इस समूह के कवियों ने कई भ्रांतियों को तोड़ा।

उन्होंने ग्लास्गो में पढ़ाई की और वह अपना जीवन पूरी तरह से साहित्य को समर्पित करने से पहले एक सफल चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा कंपनी सचिव रहे। चट्टोपाध्याय और गांगुली के अलावा वह लेखक बुद्धदेब गुहा तथा दिब्येंदु पालित के करीबी मित्र रहे।

उनकी कविताओं के संकलन का ‘द कैट अंडर द स्टेयर्स’ शीर्षक के साथ अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। रॉबर्ट एस मैकनमारा ने यह अनुवाद किया। मुखर्जी ने खुद रबिंद्र टैगोर की कई लघु कथाओं का अनुवाद किया।

बंगाली साहित्य जगत में जाना माना नाम मुखर्जी ने अपने समय और परिवेश की घटनाओं पर गहन निजी विचारों के साथ कविताएं लिखी और कई संवेदनशील कविताओं की रचना की।

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Web Title: Eminent Bengali poet Sarat Mukherjee passes away

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