लाइव न्यूज़ :

एल्गार मामला: उच्च न्यायालय ने सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

By भाषा | Updated: August 4, 2021 15:18 IST

Open in App

मुंबई, चार अगस्त बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में अधिवक्ता-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका पर फैसला बुधवार को सुरक्षित रख लिया।

महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका का विरोध करते हुए उच्च न्यायालय से कहा कि सत्र अदालत को 2019 के मामले में दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लेने का अधिकार था क्योंकि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मामले की जांच की जिम्मेदारी तब तक अपने हाथों में नहीं ली थी।

एनआईए ने जनवरी 2020 में मामले को अपने हाथों में लिया था।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणि ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की पीठ से कहा कि जब तक मामले की जांच एनआई को नहीं सौंपी गई थी तो मामले से जुड़ी कार्यवाही एक नियमित अदालत में जारी रह सकती थी।

भारद्वाज ने इस साल की शुरूआत में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस आधार पर जमानत का अनुरोध किया था कि पुणे के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के. डी. वडाने ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं थे, जिन्होंने 2019 में दर्ज मामले में पुलिस के आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था।

भारद्वाज ने वडाने के निर्धारित विशेष न्यायाधीश नहीं होने को प्रदर्शित करने के लिए उच्च न्यायालय से मिले एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) जवाब को संलग्न किया था। दरअसल, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत अपराधों की सुनवाई विशेष न्यायाधीश ही कर सकते हैं।

भारद्वाज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता युग चौधरी ने इस तर्क के समर्थन में उच्चतम न्यायालय के एक हालिया फैसले के अंश का हवाला देते हुए कहा कि केवल विशेष अदालत के पास ही यूएपीए मामलों पर विशेष क्षेत्राधिकार है।

इस पर, कुम्भकोणि ने कहा, ‘‘हर मामले के तथ्य अलग होते हैं, आप सभी को एक जैसा नहीं मान सकते। ’’

वहीं, एनआईए की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि सत्र अदालत ने मामले में संज्ञान लेने में अपनी शक्तियों के दायरे में रह कर ही काम किया था।

बहरहाल, उच्च न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने की कार्यवाही पूरी कर ली और भारद्वाज की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

एल्गार परिषद मामला, 31 दिसंबर 2017 को पुणे में हुई सभा में कथित भड़काऊ भाषण देने से संबद्ध है। पुलिस का दावा है कि इसके चलते अगले दिन शहर के बाहरी इलाके में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

पूजा पाठPanchang 07 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 07 December 2025: आज इन 3 राशियों के लिए दिन रहेगा चुनौतीपूर्ण, वित्तीय नुकसान की संभावना

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत