चुनावी चंदा प्रणाली असंतुलित, इसे बदलने की जरूरत : टीएस कृष्णमूर्ति

By भाषा | Updated: April 30, 2021 16:43 IST2021-04-30T16:43:30+5:302021-04-30T16:43:30+5:30

Electoral funding system unbalanced, it needs to be changed: TS Krishnamurthy | चुनावी चंदा प्रणाली असंतुलित, इसे बदलने की जरूरत : टीएस कृष्णमूर्ति

चुनावी चंदा प्रणाली असंतुलित, इसे बदलने की जरूरत : टीएस कृष्णमूर्ति

बेंगलुरु, 30 अप्रैल पूर्व चुनाव आयुक्त टी एस कृष्णमूर्ति ने काफी समय से लंबित चुनाव सुधारों का आह्वान करते हुए कहा है कि देश में चुनावी चंदे की मौजूदा प्रणाली असंतुलित है और सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित करने की व्यवस्था की उपयोगिता अब खत्म हो चुकी है।

उन्होंने चुनाव सुधारों में रुचि न लेने पर राजनीतिक दलों की निन्दा की और कहा कि वर्तमान प्रणाली में कोई गरीब आदमी चुनाव में खड़ा होकर सफलता हासिल नहीं कर सकता।

कृष्णमूर्ति ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कोई भी राजनीतिक दल यहां तक कि अपने घोषणापत्र में भी चुनाव सुधारों का उल्लेख करने में रुचि नहीं लेता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘चुनावी चंदा प्रणाली को बदले जाने की आवश्यकता है। मौजूदा प्रणाली असंतुलित है। यह पूरी तरह पारदर्शी नहीं है।’’

पूर्व चुनाव आयुक्त ने कहा कि देश में राष्ट्रीय चुनावी चंदा प्रणाली होनी चाहिए जिसमें कंपनियां और लोग अपना अंशदान दे सकें।

उन्होंने कहा कि इसे फिर पंजीकृत और मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों के साथ विमर्श कर निर्वाचन आयोग द्वारा तय किए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर चुनाव इकाई द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे कि कोई साधारण गरीब आदमी भी चुनाव में खड़ा हो सके।

कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘इस समय, कोई भी गरीब आदमी चुनाव में खड़ा होकर सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। इसलिए वर्तमान चुनावी चंदा प्रणाली को बदले जाने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि सबसे ज्यादा वोट प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजेता घेषित करने की व्यवस्था की उपयोगिता भी अब खत्म हो चुकी है और इसे भी बदला जाना चाहिए।

पूर्व चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘‘मौजूदा प्रणाली तब ठीक थी जब हमें स्वतंत्रता मिली...तब निरक्षरता थी...मतदाताओं में ज्यादा जागरूकता नहीं थी। अब हमारा 70 साल से अधिक का चुनावी लोकतंत्र है, मुझे लगता है कि सबसे ज्यादा वोट पाने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित करने की व्यवस्था को बदलना चाहिए ताकि (मात्र) 20-25 प्रतिशत वोट हासिल करने वाला व्यक्ति निर्वाचित न हो।’’

उन्होंने सुझाव दिया कि आदर्श रूप से किसी उम्मीदवार को जीतने के लिए कुल मतदान का 50 प्रतिशत +1 वोट मिलना चाहिए, केवल तभी वह उम्मीदवार सही रूप में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के बहुमत का प्रतिनिधित्व कर सकता है।

कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘यदि यह क्रियान्वयन योग्य नहीं है...मुझे यकीन है कि राजनीतिक दल इस प्रस्ताव को तत्काल स्वीकार नहीं करेंगे तो पहले कदम के रूप में जीत के लिए 33.33 प्रतिशत वोट मिलना आवश्यक किया जाना चाहिए।

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Web Title: Electoral funding system unbalanced, it needs to be changed: TS Krishnamurthy

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