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नंदीग्राम के निर्वाचन चुनाव अधिकारी को जीवन का खतरा था, इसलिए पुनर्मतगणना नहीं करवायी : ममता

By भाषा | Updated: May 3, 2021 17:44 IST

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कोलकाता, तीन मई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी को अपने जीवन का खतरा था इसलिए उन्होंने फिर से मतगणना के आदेश नहीं दिए।

बनर्जी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नंदीग्राम में चुनाव परिणाम को वह अदालत में चुनौती देंगी, जहां वह भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से हार गईं।

बनर्जी ने नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी द्वारा सीईओ कार्यालय को भेजे एक कथित एसएमएस को सार्वजनिक करते हुए दावा किया कि उन्होंने आशंका जताई थी कि अगर वह फिर से मतगणना के आदेश देते हैं तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे और आत्महत्या तक करनी पड़ सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग औपचारिक रूप से घोषणा करने के बाद नंदीग्राम के परिणाम कैसे उलट सकता है? इसके खिलाफ हम अदालत जाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सर्वर चार घंटे तक डाउन क्यों था? हम जनादेश स्वीकार करना चाहते थे, लेकिन अगर एक स्थान के परिणाम में गड़बड़ी है तो जो प्रतीत होता है उससे परे कुछ है। हमें सच्चाई का पता लगाना है।’’

बनर्जी ने कुछ स्थानों से हिंसा की खबरों के बीच अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि किसी के उकसावे में नहीं आएं।

उन्होंने आरोप लगाए कि केंद्रीय बलों ने चुनावों के दौरान टीएमसी समर्थकों पर काफी अत्याचार किए।

उन्होंने कहा, ‘‘परिणाम घोषित होने के बाद भी भाजपा ने कुछ इलाकों में हमारे समर्थकों पर हमला किया लेकिन हमने अपने लोगों से किसी के उकसावे में नहीं आने की अपील की और इसके बजाय पुलिस को सूचना देने के लिए कहा।’’

बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनावों के दौरान कुछ पुलिस अधिकारियों ने भेदभाव करते हुए टीएमसी के खिलाफ काम किया।

चुनाव आयोग पर प्रहार करते हुए उन्होंने दावा किया कि अगर निर्वाचन आयोग ने सहयोग नहीं किया होता तो भाजपा 50 का आंकड़ा पार नहीं कर पाती।

मुख्यमंत्री ने एक बार फिर मांग की कि देश के हर नागरिक को नि:शुल्क टीका दिया जाना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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