Election FlashBack: आदिवासियों को पूरा समय तो केवल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही दिया था!
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: December 1, 2018 09:39 IST2018-12-01T09:39:48+5:302018-12-01T09:39:48+5:30
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी बांसवाड़ा गए तो उन्होंने उस क्षेत्र को पूरा समय दिया. आदिवासियों की जरूरतों को समझा और माही परियोजना के विस्तार का मूल्यांकन किया.

Election FlashBack: आदिवासियों को पूरा समय तो केवल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही दिया था!
कई कारणों से दक्षिणी राजस्थान का आदिवासी क्षेत्र राजनेताओं के लिए महत्वपूर्ण रहा है, इसीलिए वहां पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर वर्तमान पीएम नरेन्द्र मोदी तक कई प्रधानमंत्रियों का जाना जरूर हुआ, परन्तु पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को छोड़कर शेष सारे प्रधानमंत्री, वहां गए, चुनावी भाषण दिया और लौट गए.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी बांसवाड़ा गए तो उन्होंने उस क्षेत्र को पूरा समय दिया. आदिवासियों की जरूरतों को समझा और माही परियोजना के विस्तार का मूल्यांकन किया. राजीव गांधी ठेठ ग्रामीण इलाके आनंदपुरी भी गए जहां उन्होंने माही परियोजना विस्तार के संपूर्ण माॅडल को देखा-समझा और उस दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता भी स्वीकार की.
देश में माही परियोजना ऐसी सिंचाई योजना है जिसमें दो सबसे बड़े साइफन बने हैं और संभवतया यह देश की ऐसी पहली योजना है जिसकी नहर मूल माही नदी को ही क्रास करके दूसरे जिले डूंगरपुर में पानी पहुंचा रही है.
उल्लेखनीय है कि कभी यह क्षेत्र कालापानी कहलाता था, किन्तु बांसवाड़ा के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय भूपेन्द्रनाथ त्रिवेदी की मूल प्रस्तावित योजना, अजाजजा आयोग के अध्यक्ष रहे स्वर्गीय भीखाभाई की कोशिशों से साठ के दशक में प्रारंभ हुई और इसको विशाल स्वरूप प्रदान करने तथा अधिक-से-अधिक क्षेत्रों तक सिंचाई का लाभ पहुंचाने में पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी का महत्वपूर्ण योगदान रहा. उसी का नतीजा है कि माही की नहरों की बदौलत यह क्षेत्र कालापानी के कलंक से मुक्त हुआ है.
माही परियोजना की नींव मोरारजी देसाई ने साठ के दशक में रखी थी और माही की नहरों से जल प्रवाह का शुभारंभ अस्सी के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया था.