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चुनाव आयोग ने असम में 8 अखबारों को दिया नोटिस, बीजेपी का छापा था विज्ञापन, जानें पूरा मामला

By भाषा | Updated: March 30, 2021 07:40 IST

बीजेपी का विज्ञापन छापने के एक मामले में चुनाव आयोग ने असम के 8 अखबारों को नोटिस थमाया है। अखबारों की ओर से भी जवाब भेजा गया है।

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ठळक मुद्देकांग्रेस की ओर से मिली शिकायत के बाद अखबारों को नोटिस भेजा गया, खबर के प्रारूप में विज्ञापन छापने का आरोपकांग्रेस का आरोप- चुनाव आयोग के निर्देशों, चुनाव आचार संहिता और जनप्रतिनिधि कानून 1951 का उल्लंघन हुआ है

गुवाहाटी: चुनाव आयोग ने खबर के प्रारूप में भाजपा का विज्ञापन छापने के लिए असम के आठ अखबारों को नोटिस जारी किया है। इसमें दावा किया गया था कि भाजपा उन सभी 47 सीटों पर जीत दर्ज करेगी जहां शनिवार को पहले चरण में मतदान हुआ था। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस की शिकायत के बाद अखबारों को नोटिस भेजा गया। इस शिकायत में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि विज्ञापन चुनाव आयोग के निर्देशों, चुनाव आचार संहिता और जनप्रतिनिधि कानून 1951 का उल्लंघन है।

नोटिसों में असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नितिन खड़े ने समाचार पत्रों से सोमवार शाम सात बजे तक रिपोर्टें भेजने को कहा जिसमें उनकी स्थिति स्पष्ट की गई हो। अधिकारियों ने बताया कि अखबारों ने अपनी रिपोर्ट जमा कर दी हैं जिन्हें भारत निर्वाचन आयोग को भेजा गया है।

इससे पहले, कांग्रेस की असम इकाई ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रदेश भाजपा प्रमुख रंजीत कुमार दास तथा उन आठ प्रमुख समाचार पत्रों के खिलाफ एक शिकायत दी जिन्होंने कथित रूप से ''खबर के प्रारूप में विज्ञापन छापा'' था और जिसमें दावा किया गया था कि पार्टी उन सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी जिन पर 27 मार्च को मतदान हुआ था।

शिकायत रविवार रात को दिसपुर थाने में दर्ज कराई गई थी।

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की विधिक इकाई के अध्यक्ष निरन बोरा ने कहा कि ‘‘यह भाजपा नेताओं द्वारा आदर्श आचार संहिता, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों और निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों तथा आयोग द्वारा जारी मीडिया आचरण का खुला उल्लंघन है।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को अहसास हो रहा है कि वे चुनाव हार रहे हैं, इसलिए वे मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अवैध और असंवैधानिक तरीके अपना रहे हैं।

बोरा ने कहा, ‘‘विज्ञापनों को समाचार पत्रों के मुख पृष्ठ पर "मतदाताओं के मन को प्रभावित करने के लिए दिया गया और यह जानबूझकर, दुर्भावनापूर्ण विज्ञापन जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 ए का स्पष्ट उल्लंघन है जो कि दो साल की कैद और जुर्माने के साथ दंडनीय है।’’

प्रदेश कांग्रेस ने रविवार को विज्ञापनों के प्रकाशन के खिलाफ असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने चुनाव आयोग को शिकायत दी और भाजपा और समाचार पत्रों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया था।

 

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