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इस साल भी बेनूर रही ईद

By भाषा | Updated: May 14, 2021 15:12 IST

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लखनऊ, 14 मई वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से लगातार दूसरे साल ईद उल फित्र की रौनक नदारद रही। ज्यादातर लोगों ने घर में ही नमाज अदा की और ईद मिलने के लिए एक दूसरे के घर जाने से परहेज किया।

राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार, ज्यादातर मस्जिदों में कोविड प्रोटोकोल के तहत सीमित संख्या में लोगों ने ईद की नमाज पढ़ी और खुदा की दरगाह में हाथ बुलंद कर वैश्विक महामारी कोविड-19 के खात्मे की खास दुआ की।

कोविड-19 के मद्देनजर लागू प्रोटोकॉल का ही असर था कि लखनऊ की ऐतिहासिक ऐशबाग ईदगाह जहां पूर्व में पांच लाख लोग नमाज अदा करते थे, वहां महज पांच लोगों ने ही ईद की नमाज पढ़ी।

ईदगाह के इमाम और इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने शुक्रवार को 'भाषा' को बताया कि ईदगाह में नमाज पढ़ने वाले पांचों लोगों ने सामाजिक दूरी के साथ मास्क लगाकर नमाज अदा की।

उन्होंने बताया कि नमाज़ के बाद भारत समेत पूरी दुनिया से कोरोना महामारी के जल्द खात्मे की खास दुआएं की गयीं। इसके अलावा इस महामारी से जूझ रहे तमाम बीमार लोगों के जल्द सेहतमंद होने की भी दुआ की गई।

मौलाना फरंगी महली ने नमाज से पहले दिए गए संबोधन में इस बात पर मुसलमानों का शुक्रिया अदा किया कि उन्होने ईद के सिलसिले में इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के परामर्श के अनुसार, अपने ईद के खर्च का 50 प्रतिशत हिस्सा जरूरतमन्दों के सुपुर्द किया। अपने घरों में ईद की नमाज़ पढ़ी और ईद मनायी, घर के बाहर भीड़ नही जमा हुई और कोविड प्रोटोकॉल पर अमल किया। उन्होंने कहा ‘‘ अगर इसी तरह एहतियात बरती जाये तो बहुत जल्द हमारा देश इस महामारी से निजात पा लेगा।’’

ईद रमजान के पाक महीने में रोजे रखकर इबादत करने वाले मुसलमानों को अल्लाह का दिया तोहफा है। इसे अमन और भाईचारे का पैगाम देने वाले त्यौहार के तौर पर भी जाना जाता है। इस दिन सभी लोग एक-दूसरे के घर जाकर गले मिलते और इसकी बधाई देते हैं। साथ ही ईद के खास पकवान यानी सिवंई का लुत्फ लेते हैं।

मगर कोरोना महामारी की वजह से लगातार दूसरे साल यह त्यौहार बे-नूर नजर आया। लोगों ने अपने घर में ही रह कर ईद की नमाज अदा की और ईद मिलने के लिए दूसरों के घर जाने से परहेज किया। पिछले साल भी लॉकडाउन के कारण ईद फीकी रही थी।

उत्तर प्रदेश में आगामी 17 मई तक कोरोना कर्फ्यू लागू होने की वजह से इस बार ईद की खरीदारी भी खासी प्रभावित हुई। पिछली 30 अप्रैल से कोरोना कर्फ्यू लागू होने के कारण कपड़ों, चूड़ियों तथा अन्य साजोसामान की दुकानें बंद रहीं और इक्का-दुक्का दुकानों पर ही सिवंई बिकती नजर आई।

कोरोना कर्फ्यू के दौरान पड़ी ईद के मद्देनजर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रही। कोविड-19 प्रोटोकॉल का हर हाल में पालन कराने के लिए विभिन्न मस्जिदों के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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