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कुपोषण पर काबू पाने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को परोसा जाये अंडा और दूध: विधायक हीरालाल अलावा

By भाषा | Updated: November 3, 2019 05:57 IST

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को शुक्रवार को लिखे पत्र में मनावर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अलावा ने कहा है कि आदिवासियों में स्वास्थ्य की स्थिति काफी चिंताजनक है और अन्य समुदायों की अपेक्षा आदिवासियों में कुपोषण, संक्रामक रोग एवं अन्य बीमारियों का प्रतिशत काफी ज्यादा है।

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ठळक मुद्देप्रदेश सरकार द्वारा कुपोषण मिटाने के लिए 2016 से 2018 के बीच 19,000 करोड रूपये खर्च करने का दावा किया गया है।इसके बावजूद कुपोषण के कारण बच्चों की मौत के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश में ही आते हैं।

भाजपा के विरोध के बीच कांग्रेस विधायक एवं दिल्ली एम्स के पूर्व सहायक प्रोफेसर डॉ. हीरालाल अलावा ने मध्य प्रदेश सरकार से मांग की है कि आदिवासी समुदाय में व्याप्त कुपोषण को दूर करने के लिए आदिवासी क्षेत्रों में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को अन्य पोषक आहार के साथ-साथ अंडा और दूध उपलब्ध करायें।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को शुक्रवार को लिखे पत्र में मनावर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अलावा ने कहा है कि आदिवासियों में स्वास्थ्य की स्थिति काफी चिंताजनक है और अन्य समुदायों की अपेक्षा आदिवासियों में कुपोषण, संक्रामक रोग एवं अन्य बीमारियों का प्रतिशत काफी ज्यादा है।

उन्होंने आगे लिखा है कि भारत सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय एजेंसी सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) की इस वर्ष की रिपोर्ट में भी दर्शाया गया है कि मध्य प्रदेश में कुपोषण बच्चों के लिए काल का रूप ले चुका है। प्रदेश सरकार द्वारा कुपोषण मिटाने के लिए 2016 से 2018 के बीच 19,000 करोड रूपये खर्च करने का दावा किया गया है। इसके बावजूद कुपोषण के कारण बच्चों की मौत के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश में ही आते हैं।

अलावा ने कहा कि एसआरएस के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 11 लाख बच्चे कुपोषित हैं, जबकि 1.20 लाख अतिकुपोषित हैं, जो अपने आप में प्रदेश की छवि को कलंकित करता है। आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण विकराल रूप ले चुका है। आदिवासी समुदाय में मातृ-मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर भी सबसे अधिक है। मध्य प्रदेश में 5 वर्ष तक के 76.1 प्रतिशत आदिवासी बच्चे खून की कमी से पीड़ित हैं।

उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय से कुपोषण दूर करना है तो सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। इसके लिए समन्वित बाल विकास योजना एवं अन्य योजनाओं के तहत आदिवासी क्षेत्रों के 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्वास्थ्य एवं पोषण का ठोस एकीकृत पैकेज उपलब्ध कराने तथा आदिवासी क्षेत्रों में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को अन्य पोषक आहार के साथ-साथ अंडा और दूध उपलब्ध कराने की सख्त जरुरत है। 

टॅग्स :भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेसमध्य प्रदेश
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