वायुजनित रोगों की रोकथाम के लिए वायु स्वच्छता प्रणाली विकसित करने के प्रयास

By भाषा | Updated: August 14, 2021 16:47 IST2021-08-14T16:47:09+5:302021-08-14T16:47:09+5:30

Efforts to develop air sanitation systems for prevention of airborne diseases | वायुजनित रोगों की रोकथाम के लिए वायु स्वच्छता प्रणाली विकसित करने के प्रयास

वायुजनित रोगों की रोकथाम के लिए वायु स्वच्छता प्रणाली विकसित करने के प्रयास

नयी दिल्ली, 14 अगस्त भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास, वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई और लंदन के क्वीन मेरी विश्वविद्यालय ने कोरोना वायरस और टीबी जीवाणु को फैलने से रोकने के मकसद से क्रांतिकारी वायु स्वच्छता प्रणाली विकसित करने के लिए साथ काम करना तय किया है।

ब्रिटेन की रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (आरएईएनजी) परियोजना का प्रमुख प्रायोजक होगा और वायु स्वच्छता समाधान प्रदाता मैग्नेटो क्लीनटेक एकमात्र उद्योग साझेदार होगा।

शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारियों के अनुसार, इस संयुक्त शोध का उद्देश्य अपनी अधिक आबादी और शहरी क्षेत्रों के भारी प्रदूषण से जूझ रहे भारतीय उपमहाद्वीप के लिए भीतरी वातावरण में वायुजनित रोगों को रोकने के लिए एक मजबूत एवं कम लागत वाली जैव-एयरोसोल सुरक्षा प्रणाली विकसित करना है।

अधिकारियों ने कहा कि 'पराबैगनी-सी' विकिरण का प्रयोग करते हुए, परियोजना की परिकल्पना एक क्रांतिकारी वायु निस्पंदन प्रणाली की प्रयोगात्मक प्रमाण-अवधारणा विकसित करने के लिए की गई है। इस प्रणाली में उपलब्ध फिल्टरों की तुलना में रखरखाव लागत को कम करते हुए वायरस और अन्य वायुजनित रोगजनकों को खत्म करने की प्रभावशीलता बढ़ाने की मजबूत क्षमता है जो भारत जैसे विकासशील देशों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव है।

आईआईटी मद्रास के प्राध्यापक अब्दुस समद ने कहा, “बाजार में विभिन्न यूवीसी समाधान मौजूद हैं लेकिन उनमें उचित वायुजनित कीटाणुशोधन और निष्क्रियता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक तकनीकी डिजाइन कठोरता का अभाव है। इससे उपभोक्ताओं में भ्रम और अविश्वास पैदा हो गया है। परियोजना का लक्ष्य एक ऐसा समाधान विकसित करना है जो सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों दृष्टिकोणों से व्यापक रूप से सत्यापित और परीक्षण किया गया हो, और अंत में उपभोक्ता-अनुकूल तरीके से दिखाई देने वाली सुरक्षा प्रणाली के जीवंत प्रदर्शन को सुनिश्चित करती हो।”

मैग्नेटो क्लीनटेक की भागीदारी के साथ, इस प्रणाली का परीक्षण और कार्यान्वयन विभिन्न भारतीय वातावरणों में वास्तविक समय के अनुप्रयोगों के साथ किया जाएगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस परियोजना के सफलतापूर्वक लागू होने पर भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग 10 करोड़ लोगों को लाभ होगा।

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Web Title: Efforts to develop air sanitation systems for prevention of airborne diseases

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