सुरक्षा मुहैया कराने वाली कंपनी के खिलाफ मामले में शिवसेना विधायक के ठिकानों पर ईडी के छापे
By भाषा | Updated: November 24, 2020 17:27 IST2020-11-24T17:27:49+5:302020-11-24T17:27:49+5:30

सुरक्षा मुहैया कराने वाली कंपनी के खिलाफ मामले में शिवसेना विधायक के ठिकानों पर ईडी के छापे
मुंबई, 24 नवम्बर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुरक्षा मुहैया कराने वाली एक कंपनी तथा अन्य लोगों के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में मंगलवार को महाराष्ट्र में शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक के परिसरों पर छापे मारे।
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
विधायक की पार्टी ने छापे को "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया और कहा कि महाराष्ट्र सरकार या उसके नेता किसी के दबाव में आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय एजेंसी मुंबई और ठाणे में 10 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
ईडी की कार्रवाई तड़के शुरू हुयी और सीआरपीएफ के जवान एजेंसी के अधिकारियों की मदद करते देखे गए।
आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘ ये छापे ‘टॉप्स ग्रुप’ (सुरक्षा मुहैया कराने वाली एक कंपनी) के प्रवर्तकों और संबंधित लोगों सहित नेताओं के यहां मारे जा रहे हैं।’’
एजेंसी के अधिकारियों ने विधायक के पुत्र विहंग से भी पूछताछ की। सूत्रों ने बताया कि यह जांच कुछ संस्थाओं द्वारा विदेशी लेनदेन से संबंधित है।
सरनाईक (56) महाराष्ट्र विधानसभा में ओवला-माजीवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
विधायक उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के 2018 के मामले को फिर से खोलने की मांग करते हुए एक पत्र लिखा था। उसी मामले में हाल में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
गोस्वामी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
सरनाईक ने अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित करने की भी मांग की थी।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा, "यह कार्रवाई (ईडी के छापे) निश्चित रूप से राजनीतिक प्रतिशोध है। ईडी या अन्य एजेंसियों को किसी राजनीतिक दल की शाखा के तौर पर काम नहीं करना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि सरनाईक की संपत्तियों पर उस समय छापे मारे गए जब वह घर पर नहीं थे। उन्होंने कहा कि चाहे कितने भी नोटिस जारी किए जाएं, महाराष्ट्र में केवल सच्चाई ही सामने आएगी।
राउत ने यह भी कहा कि किसी एजेंसी द्वारा जांच पर कोई प्रतिबंध नहीं है और सबूत होने पर वह कार्रवाई कर सकती है। ‘‘लेकिन, आप (राज्य) सरकार से जुड़े लोगों को मानसिक रूप से परेशान करना चाहते हैं। ऐसी कार्रवाइयों का आप पर ही उलटा असर होगा। और मुझे लगता है कि वह समय नजदीक आ रहा है।
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