नयी दिल्ली, 27 फरवरी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोष में गबन कर धनशोधन करने के आरोपी कर्नाटक की कोऑपरेटिव सोसाइटी एवं उसके प्रवर्तकों की करीब 84 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की।
केंद्रीय एजेंसी ने शनिवार को बताया कि कृषि एवं गैर कृषि भूमि,इमारत, आवासीय फ्लैट एवं फैक्टरी संपत्ति धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कुर्क की गई है।
ईडी ने बताया कि यह संपत्ति एन नंजुंदैया (कण्व ग्रुप ऑफ कंपनी के निदेशक), उनके परिवार के सदस्यों एवं कुछ संपत्ति कण्व सौहार्द को-ऑपरेटिव क्रेडिट लिमिटेड (एसकेएससीसीएल) के संस्थापक निदेशक एवं अध्यक्ष एस हरीश से जुड़ी है।
केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि करीब 84.40 करोड़ रुपये की ये संपत्ति कर्नाटक के नीलमंगला, कोराटागेरे, चिक्कबलापुर, श्रीरंपटनम और बेंगलुरु में और आंध्र प्रदेश के मदकसिरा (अनंतपुर जिले) में स्थित है।
उल्लेखनीय है कि नंजुंदैया को ईडी ने पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ बेंगलुरु के पीएमएलए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है।
ईडी ने बेंगलुरु पुलिस द्वारा कम से कम तीन प्राथमिकी दर्ज करने और कोऑपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार द्वारा नंजुंदैया एवं अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद पीएमएलए के तहत प्राथमिक दर्ज की।
ईडी के मुताबिक आरोप है कि सोसाइटी और उसके प्रवर्तकों ने उच्च ब्याज देने का लालच देकर और जरूरी नकदी रखे बिना कमीशन एजेंटों के जरिये जनता से 650 करोड़ रुपये जमा कराए।
एजेंसी के मुताबिक एसकेएससीसीएल ने 13 हजार निवेशकों से अधिक ब्याज देने के वादे के साथ पैसे जमा कराए लेकिन निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद ब्याज के साथ-साथ मूलधन भी वापस नहीं कर धोखाधड़ी की।
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