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पूर्वी लद्दाख: भारत, चीन लंबित मुद्दों का तेजी से समाधान करने पर सहमत

By भाषा | Updated: April 10, 2021 22:04 IST

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नयी दिल्ली, 10 अप्रैल भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के शेष क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने पर विस्तृत चर्चा की और जमीनी स्तर पर संयुक्त रूप से स्थिरता बनाये रखने, किसी भी नयी घटना को टालने और लंबित मुद्दों का ‘‘शीघ्र’’ समाधान करने पर सहमति जताई।

दोनों देशों के बीच 13 घंटे तक चली 11 वें दौर की सैन्य वार्ता के एक दिन बाद भारतीय सेना ने शनिवार को कहा कि दोनों पक्षों ने मौजूदा समझौतों एवं व्यवस्थाओं के अनुसार लंबित मुद्दों को शीघ्र निपटाने की आवश्यकता पर सहमति जताई।

इसने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों के पीछे हटने से संबंधित बाकी मुद्दों के समाधान को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया।’’

सेना ने कहा कि इस संदर्भ में इस बात को प्रमुखता से रखा गया कि अन्य क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होने से दोनों सैन्यबलों के बीच तनाव कम करने तथा शांति की पूर्ण बहाली सुनिश्चित करने और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा।

कोर कमांडर स्तर की 11 वें दौर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चुशूल सीमा चौकी पर भारतीय क्षेत्र में हुई । वार्ता पूर्वाह्न साढ़े दस बजे शुरू हुई और रात साढ़े 11 बजे खत्म हुई।

वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी जी के मेनन ने की।

सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार त्वरित तरीके से लंबित मुद्दों का समाधान करने की आवश्यकता पर सहमति जताई।’’

बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों पक्ष इस बात पर राजी थे कि अपने नेताओं से मार्गदर्शन एवं सहमति प्राप्त करना, संवाद जारी रखना तथा बाकी मुद्दों के यथाशीघ्र परस्पर स्वीकार्य हल की दिशा में काम करना अहम है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘वे सीमावर्ती क्षेत्र में जमीनी स्तर पर संयुक्त रूप से स्थिरता बनाये रखने तथा किसी भी नयी घटना से बचने पर सहमत हुए हैं। ’’

भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले साल पैंगोंग झील के पास हुई हिंसक झड़प के चलते गतिरोध पैदा हो गया, जिसके बाद दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे अपने हजारों सैनिकों की उस इलाके में तैनाती की थी। कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से से सैनिकों और हथियारों को पूरी तरह पीछे हटाने पर सहमति जतायी थी।

भारत इस बात पर बल देता रहा है कि देपसांग, हॉटस्प्रिंग, गोगरा समेत सभी लंबित मुद्दों का समाधान दोनों देशों के संपूर्ण संबंधों के लिए अनिवार्य है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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