पीएम मोदी की सलाहकार ने ही उठाए आर्थिक पैकेज पर सवाल, कहा- 20 लाख करोड़ का पैकेज अपने आप में पूर्ण नहीं है
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 13, 2020 20:18 IST2020-06-13T20:18:38+5:302020-06-13T20:18:38+5:30
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले महीने 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था, जिसमें आरबीआई के 8.01 लाख करोड़ रुपये के नकदी उपाय शामिल हैं।

PM's economic advisory council member Ashima Goyal (FILE PHOTO)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य आशिमा गोयल ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज पर सवाल उठाए हैं। आशिमा गोयल ने कहा है कि 20.97 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज में और सुधार की गुंजाइश है। इस पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चार से पांच चरणों में पूरी जानकारी दी थी। आशिमा गोयल ने कहा कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को मांग को बढ़ावा देने की जरूरत है। आशिमा गोयल ने यह बयान पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की एक आभासी संगोष्ठी में संबोधित करते हुए दिया।
आर्थिक पैकेज अपने आप में हर तरह से पूर्ण नहीं है- आशिमा गोयल
आशिमा गोयल ने कहा, आर्थिक पैकेज अपने आप में हर तरह से पूर्ण नहीं है... पैकेज में खामियां दूर कर इसे बेहतर बनाने की गुंजाइश है। प्रधामंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की अंशकालिक सदस्य गोयल ने कहा कि ज्यादातर राहत पैकेज वित्तीय क्षेत्र से जुड़े हैं और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए मांग और आपूर्ति का तालमेल बहुत जरूरी है।
भारत की अर्थव्यवस्था को फिर से बढ़ाने पर क्या कहा आशिमा गोयल ने
भारत की वृद्धि को पुनर्जीवित करने पर आशिमा गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी अर्थव्यवस्था के लिए एक अस्थायी झटका है। आईजीआईडीआर में अर्थशास्त्र की प्राध्यापक गोयल ने कहा कि जब मानव पूंजी बरकरार रहती है तो वास्तविक झटके के बाद तेजी से सुधार देखने को मिलता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था 2019-20 में 4.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले 11 वर्षों में इसकी सबसे धीमी रफ्तार है। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के 500 अरब डॉलर के पार पहुंचने पर गोयल ने कहा, हमारे विदेशी मुद्रा भंडार उधार के भंडार हैं। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका निवेश आकर्षित करना है।
कैट ने आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करने की थी मांग
खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार की मांग की थी। कहा गया था कि पैकेज में ध्यान नहीं रखे जाने से देश भर के व्यापारी आहत हैं। कैट ने कहा कि व्यापारियों ने संकट के समय सबसे अधिक प्रतिबद्धता दिखाई है और वे कोरोना वायरस महामारी के कारण कायम संकट की स्थिति में देश के प्रति अपने दायित्वों को निभाते रहेंगे।
संगठन ने कहा था कि हालांकि सबसे अधिक प्रतिबद्ध क्षेत्रों में से एक को आर्थिक पैकेज की व्यापक घोषणाओं में जगह नहीं मिलना निराशाजनक है। कैट ने बताया था कि उसने इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। संगठन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को भी पत्र भेजा है। कैट की दिल्ली-एनसीआर इकाई के संयोजक सुशील कुमार जैन ने कहा कि आर्थिक पैकेज की घोषणा करते समय सरकार ने व्यापारियों की उपेक्षा की है।

