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ई-रिक्शा परमिट: उच्चतम न्यायालय ने बजाज ऑटो की याचिका खारिज की

By भाषा | Updated: December 15, 2021 14:55 IST

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नयी दिल्ली, 15 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने केवल ई-ऑटो को 4,261 नए परमिट जारी करने संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के फैसले के खिलाफ बजाज ऑटो की एक याचिका बुधवार को खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि दिल्ली के निवासी वायु प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हैं, जिसमें वाहनों का भी योगदान है।

न्यायालय ने कहा कि भले ही सीएनजी ऑटो रिक्शा बीएस-छह उत्सर्जन मानकों अनुपालन कर रहे हैं, फिर भी कुछ कार्बन उत्सर्जन है।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा ई-ऑटोरिक्शा के लिए आवेदन आमंत्रित करने वाले विज्ञापन को मनमाना नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह फेम-दो योजना और इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2020 के अनुरूप है।

पीठ ने कहा, ‘‘दिल्ली के निवासी वायु प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हैं, निस्संदेह इसका एक हिस्सा वाहनों द्वारा योगदान दिया जाता है। भले ही सीएनजी ऑटो बीएस-छह अनुपालन कर रहे हैं, फिर भी कुछ कार्बन उत्सर्जन है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हम इस बात से भी सहमत नहीं हैं कि आवेदक (बजाज ऑटो) के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया है। मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन का मतलब यह नहीं लिया जा सकता है कि सड़क पर ई-ऑटो को एक लाख से अधिक ऑटो में जोड़ा जा सकता है।’’

दिल्ली सरकार ने बजाज ऑटो की याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि सीएनजी ऑटो रिक्शा की तुलना ई-ऑटो से नहीं की जा सकती।

सरकार ने कहा कि परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने की दृष्टि से इलेक्ट्रिक वाहनों पर किये जाने का प्रस्ताव है। आप सरकार ने केंद्र की फेम-दो योजना और इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2020 का भी हवाला दिया।

दिल्ली सरकार ने कहा कि 92,000 सीएनजी ऑटो रिक्शा पहले ही दिल्ली में पंजीकृत हो चुके हैं और पुराने सीएनजी ऑटो रिक्शा को बदलने की प्रक्रिया जारी है।

अधिवक्ता एडीएन राव, जो इस मामले में न्याय मित्र हैं, ने कहा कि याचिका खारिज करने योग्य है क्योंकि मोटर वाहन अधिनियम में किए गए संशोधन और केंद्रीय मोटर वाहन नियम केवल पंजीकरण शुल्क के भुगतान से संबंधित हैं।

दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने ई-ऑटोरिक्शा के लिए 4,261 नए परमिट के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे।

बजाज आटो ने शीर्ष अदालत में दायर याचिका में दावा किया था कि संबंधित विज्ञापन मनमाना और सीएनजी आधारित तीन सीटों वाले आटो रिक्ता निर्माताओं के साथ भेदभाव करने वाला है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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